SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 11
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सौधर्म ईमानदेवलो सुक। मकाउ। दलाई सारवासासाANTARYस्साझाही मिनिलाई साहमीसागमन कवि केशलाकादेवन विणिपस्यायमस्तितिप्राव वानमारमात्रा मध्यप्रदेवलोकनके विणिसागरोयम सलाहकदेवताना वामुशाटाघाण तिन्निपस्तवमा लिई सकारमाहिदेमुपसुपायवारा सिनिसान मध्यमस्थितिधा देवता ब्रासिक पसंकशासाक२३ साकरण ३५ वर्त६ श्यता काल वारण श्लेसण sal २० शिवपातिई बनानालकर एक सय यशामधंदाने चंदा देश रदशा दलेसंद ११॥ सिट४ चोरावसकरय विमाने समकमारमादेवलोकह रेक्षप्तान णिसागराष देवतायणेचनाब वाम पदा सिंगदराईवंदसाद पंजन गिदिमागवता या तमिणांश्वासन मिनिलिमा विsamAENomanaनीयवासमनावताने हा सास कसनासासा पनि शातिर अपत्याणि विक्षमा शिवमंसिता सेविदेवाण
SR No.650013
Book TitleSamavayanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorHirsundar Muni
PublisherJaiselmer
Publication Year1699
Total Pages248
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_samvayang
File Size130 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy