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________________ नागमदिघनजिनमहापाविंशशि शुरुमासमवायागसमस्यावानिमिपमा महजिमानदेह समतने ट्रयादिक माघरसुधम्नाखामीजनियपतिकहर जवसासल्यं मई सगर्वनसमापदेयमरूपाउयाना धनन विधमश्रणतय सकरीसरहणETA सानावधादिलीजनयी वारणांगमूत्रकान्तमाहिएकैघामामाहालगसेस्यामिण नेमक्रमेण निश्च स्वासरावाम्यवरानविदार मावासमायः घरमेश खकहरसमणरणसमस्यामा महावारक रफतधनियमामालित परुमाहिसार खरुपोरिवरधाममराकक सुरूवााि साटारम हायतनमाकरणासंबनांकण पोजEिATS माल्या प्रलसमान जिजकमलपकया धाममासजसका परमानालागाए RAMETम्पलिणERMINSMISM यमलाप INGaकामता धरलासमा रुपaase H सहमशि वृद्धिसागर ER वाराधार Handj सयंसंबछा amromanMEIPEDजक्र कहास्पर तक अन्यतामयागालाकसमस्तकावलायजी बोहरालाकतर लोकलामसहन सजावतयदा साकितहगलारसूतावा मसला परसश्नमम मोहिमतामत बाटालिनेहंगामा दिनमाकरणहार छातमापकाबामाकरणहार मनाहार मनादासारणमा नधीनसण ध णीत Emain लोकावराजमा ॥an कमाय से वहालिया स्लानालामा लगानिधाणलगाएगणं माया धमकुक्षामिक्षका माधाना सर्वजाबनधारणमा संयमरूपजाति सवलीमाधितर्मना मनिानायक मनिासारवालापा च्यातिनतका लागण्ड RAणासारणहार बनादासारसनादातार गाहारते काति Manaवापरामविस्व गामें मायारणत 50 ॥ लाइसेनगexdot Holl दावासभा दरणी सरणदएणं जीवदा हमारा सपदिसा मानायगाणे प्रासाक्षिणा घावधान रनवक दीतहतघ्रसवलिसवरधानांनदर्शनत स्वाधीकघर रागहमनेमायाहार यासंसारसमुतस्यातण। साधण अमेरामपाल हमारणहाश्मण यछका निवल्पवितरण नगनराश भ्रनेगमंसारसमजा ६ वन- जाते राधयाMENषी मासपRMATER MAMEN बहिणाशाविहारमाणदेसाईगं DEEYी डिलिना बुरहण बौदए
SR No.650013
Book TitleSamavayanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorHirsundar Muni
PublisherJaiselmer
Publication Year1699
Total Pages248
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_samvayang
File Size130 MB
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