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कारिपरमायदिशदिकममा परिग्रहरहितमुक्ति तिषिजीव राणहारन चियाश्रय से सारना संग रहित) बीऊफलफलरहित्यद
उपाश्रय से ।।
विदित्रलाइसछताई। निराशलाई संघडाई। इसी सिंधि
मानइविषनिश्वलरहि २१
यदि विडी बिनासाश्रमामा किरण
नागऋषीश्वरे श्राचरिया । परीसह काईफ रम्या | २२|| ऋषि ज्ञानानन गावकरी धर्म संचयश्राचरीन व
लाभदायामदि का गाया सियरी हाई॥ २॥ मन्नाशना गाद गग माहसी नरंदरिज धम्म संचाल कृष्ट ज्ञानधारी ॐ सवंत । श्राकाशमूर्यनीय रियो नई॥ २३ ते समुद्रपाल कविश्वर ६ विवस्वान ककर्म नई सवोपसग्रही पुष्पपाययबिटि नागार संसी उलाई सूरिरामं तिलारका ३६ विदेखाव काय मुन्नयावां निरंगशासन विमाच्छातर एक्वीन
कामिकरीन निश्चल चित्र सर्वप्रकारिविरितविप्रमुक्तवान
इंलवसंसार रूपी समुद्रतरीन मुक्रिपदामि ॥२४॥ इतिम मुद्दयालीय नामय सम्म बाट २१
शास मुद्देच मदाल दो समुद्दयालाग मंग
।। सोरिड रिनगर मोटीक दिनु' रायनेनाणेकरी संयुक्त ।। रसा रिखारं मिनयारा श्रासि रायामहिंडिया खादशिनाम गं। रायल रक॥शात स्म लड लाय रोहिलीन बीजदेवकी ते बिऊंमा बिपुत्र मनोन्य रोहिनीनुरोम। श्रनदेव कीचके सवज गिनु २॥ सोरीड रिनगरि मोटा राजा राज्यतराईक वयासि राहिणी दवई तहा। तासिऽन्नं पिदा न्ना| इद्वारा माकसदा। शासरियन रेमिनयारा सिरायामा
संयुक्त मोटीऋद्विधणी समुद्रविजयराजा ॥ ५ ॥ तम
इलिन (मा) २४॥ इतिसमुद्दयालीयनामयम
वमुदचइसिनोमि राजाराज्य करार तेवसुदेवनवि
दिविशमिना मिनयी तहमा तयाणि लग तरिष्टनमिनि
दिहिए। समुद्द विगतामा रायलरक्षणसं कुणा यात स्म लंका सिवानाम) तीस पात्रमहा योसायरिहान