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नंतर एकदा केती वा रिश्ते समुदयाल गुधिदंबवावा योग्य शृंगार शो नितन्त्रमिचोरमारवा तेसमुद्रपालन ते घोरदेषी नई / श्रावित्रादष
नया क्याई । पासायाला योडिन । वनमंडला साना गावशेयाम गायनंयामिकां सांवगोस
सांगावेराग्यबोलि। श्रश्राचर्यकर्म एवं समानच दद्यादि तेनगवंत समुद्रालाईष्टांतिप्रतिबोधांम वाक. मि. चा
मुद्दयाला मीश्रादासु दाल कम्माय) निद्यपाद में बादामातहिंगदा परमसंग माग सांवगावेराग्यई माता पिता बी दीक्षा लीमींग तेाइ समुद्र पालिया या घनदीमध्यावरूपगंध महा शकारण मोटनवलीमो || श्रावश्चम्मा पियारा पगारिया ऊदिनु |हमयामी दीक्षाधर्मरूचिदीदा लीभी पंचम दा त परीसहरु रियायधमंचत्तिरायद्या वयामि सीलागरीम याचार्यद्वसचर्यपरिग्रहप्रमाण एवंचमहातप डिवी श्रमइंजिन मसिचा ते साधसर्व जीवन विषई दया करीनुकंपा कुमा
८या। शहिंसागंतायबेन
परिवाडि वघिया पंचमदया। चरित्र)
पारीसहादिकमहिना
सगंध महाकाल सोमदत माहंक सिगलयावद। य
चिया ॥। ११ शाह समुद्रालऋषि श्रहिंसा सत्यवचन
गादमियं विका। रासाइदिनूप हिंदयालुको
मात्र सावद्यवर्धनजितेंद्रिय मंत्र संयममार्गचालई १३ तेऋषीश्वर कालिप्रसाविका
पीरकं तिरकाम संजय बतयारी साथ छाडा गंपरा यांना लियो क्रियाकर राष्ट्र देश नई विष विहार कर। ग्रायणुबलाबल जाली नई सय विदरिद्य राहा बलाबलंडागिय श्राया भी हादसाहनमंत
विद्यतिर सुसमाहिंदिया श्राकालिएकाल वाटकरी धार सहनी वा सयाम) इष्कारणवचन सं सिद्यो । वया गाना मारधा
सली चलमन्यवचन नाबाल२४॥