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________________ पाठकरिनो जात से० अथ तं० ते अनोपनि कालानुर लते 303 निधी कालानुर्विद्य ममिषे का लानु ची वीं | थापा कानुयो भिलावी जाव 'सेतं णो वणिहिंयाका लालुपुची। सेकितेच लिहिया कालावतिचित् पं० सेनमथकालते प्रतिवस संध्या समय यावलका तेहनेत्रा समोरवी सुक्षमनिर स संख्याता मावल का एक सानो कुहीएस समय न्यावलिया सत्राला पा मा सरि११ तीन एकप्रयन ८०२० कारेपपदे पुि श पानुपूर्वी नानुव सं०] [[पुचा पुच्ची व वायु बी । कमलापुची) से किर्ती ॥ केनोपस्ते कर्ती हो । १५ होराची | वैध-तनाम योनेल मुते ॥ होते । पखेमासे ॥ ॥ १४ वीस फम १०० वर्ष दस सक सी८४ लाख र्षक १० सहन हउस हा १७ च था ४ ला १ १० यन एकसंबर १३ पाच सचचरएक छरेजुडी ॥ वाससा । वास एम चोरासीर लागु कर साज ए २०२३ सहस्से । वासय सहसो ॥ अववा२ववव २५ एमकॉम ॐ उपला नि कुरु पुचेंगे । केहियेगे। डिडेगे ॥डे प्रववववे। वे पद्मा ३० पद३१ लिन अर्थ नीरा ३४- अजुन ३१ ननु नाम नीर पताल प्रज्जू साम ४० वापरा उपले उमेर निलि२॥ बेनिरे ॥ प्रकृत्त४१- लिलिक ३ सी अली काम ८४ लाभगुल सुनाक १४ एसिरप हे लक करिव ३00091093 पर लुब पलमलित संपाते एस लीज बेसिरप पडे एन लिए २ आमच्या विधान एवं सीसप हे लीया ॥ चूलिउयमे सागरोव मे हिलि का गधा सी पडेल काय चाल करिम हि एते षल्पोयम गल कहिब ४६ इस को कोल्पो १ सागरोपम ३० १० कोका को फिसा वसविली ०१० को को किसानी ती अवस या ने लागत का उस प्पणी उस्म व्यती । योग लवरियो । यही यह सच्चा से तं पुचावु बी से २०
SR No.650011
Book TitleAnuyoga Dwar Sutra
Original Sutra AuthorAryarakshit
AuthorShivchandra Porwal
PublisherRatlam
Publication Year1853
Total Pages200
LanguagePrakrit, Marugurjar
ClassificationManuscript & agam_anuyogdwar
File Size101 MB
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