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________________ दियैते जालवी: आप्तेहणाइन हो जेमतिलवयरूपतेत्पात को बुल तेजेमत नीलबधित जे उत्पातकानु ६ जाणवते ना जाणवानो जेदबुध कही ॥अथवै बुद्दिना विस्तार खानेकार्थे विवाहेनू सहित क थाबंध वातमाने कहे तेच्यार बुद्धिकपरीकथा मा मे प्रथम ऊत्पातको धनी कथा प्रारंभीये वै तेइस गाथा करा "करे रहे नरतनटुआना बेटानी नेत्री कथा तेमजे उकेली नगरीनै विषै एंबलीदरबाजा बाहिरसमायें नटग्रामवसतो तो तिलंबली भरतनामै नटुञ्ज तेपटवारी अधिकारी मतो अ तो तेसिलरंथी परिशिरी नामा मारिया होना तेमित्तेरो हे नाकारे पराशराजारिया अनमाईका काल मु लीस यातेच्या विरोबा पिता जोवनचयजानी इशे होदा रए खड3 एनिमालिना वितियंपाला ग्रहण करेति सारखी यो रो हेलसिनो मतियारो हो मानतीयपाययंता एवंयासीनोमा किमसद्धिं समनोवती सितहासही तयामान रोहण एवंच्या किरेमात मारो होमा कलं एवं तदाकरासामा जयाउने ★ समाचार अनमाकमाई रोहानपियास्मदि इनर निगउमा लाउलाई तिम एदियो तथा बाल *तेलमा इनोजले तेसिनो गराईनोपा या हादारे या कथं इमजाली रोहना रेतिहां आवाने क लौका पायसिसई एवं सो उसी सिचि ६३ वे यता एम एसउतालंपिया एवं हनीपिया स्व-गि सायचजुर भूयं जाली वा ऊ रविरक्त नावीरजाई तेल ईश्वविद्यालयममदिनसम रोहता रोबा995 विरक्त वो तेरो हे कलौ कोई मोसालै ममीते ते माताईकल आजपबै समापन स्पुं तेज तो रो हो बोल्मो जीउमा ताजी बेदम कम्पोज करतिमाह पितानुमो वसा तमकरस्प्रे तदा का लांतरे बली वाली राजे ताक कैम्पेन ग्रो कल अहो पिताजी कोई धनरजाय नै इमक काउग्र तिवा रैपि ता बोल्छु कि हारेगे बतिबारे पिता ने पोताना बायानामी कहरे ९६जाय बै २ तिवारै पिताबोज्पु सोहति दिने पिलए पुरुष देवीयोथो कविताली हरुको तिनारै पिता बालवेष्टश जाला ने लामो पबैमनमाहिति मौएतलादिन स्त्रीथकानिय केविरक्त व तिवारे ९६वी जालाने स्त्रीसंघाते मनोन नवा लागोतिया रै रोचितो हतौना हरो काम नौ विखे मातामु कनै विषदे मारे इमचिनवी इमजाली पिताने साथै एकही जाने नित्पतै तिवारे एक दापिता उजेली नगा साथै हो दिल मानुत्पातक दीया अबाहए फल जोगा लिनुचित पतियानामाधि
SR No.650009
Book TitleNandi Sutra
Original Sutra AuthorDevvachak
AuthorHansraj
PublisherNagor
Publication Year1931
Total Pages130
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_nandisutra
File Size68 MB
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