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________________ Mar का चु साजन निरदोष पाटीयारा बाजोट पाटीयादिक | याची नेईन तिहां (चिचरइंबई) शिवारपढी] ते सहा जपुत्र लिद्यं पाडि हारीयं पीढफलगं | जाव उगिएद्याएं विहरति । ततेां सद्दालपु | गौसालानो| श्रावक }} एकदाप्रस्ताव न विष । इषवायर जगाएगा | अंतकार तेड़ना | सालामाहिंघ से श्राजीवी उदासर या कथा वाया हवा को लाल तं तो सा का }} बाहारका टीन | तावड | मेल्ले बाबु तिवार ते श्रमण सगवंत माहावीर दे लाहंतो बहियानी ऐतिच्यायवं सीदलयेति। ततेां से समले संगमादा व || सद्दालपुत्र || गोसाला नाश्राव कातरं | इमकाउ || सद्दालपुत्र | गोसालाना || श्राव वीरे सद्दालपुत्त्रं त्र्या जीविन वासयं एवंयासी | सद्दालपुत्तात्र्याजी विजवा क | | एसांडाकिमकीधां ॥ ॥ तिवारी | तेसहाउपुत्र गोसालानई आबकई॥ सया | एस को लाल संडक | ततेांसेस हालपुत्ते च्या जीवि उदास ए (
SR No.650006
Book TitleUpasakadasanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorSomji Rishi
PublisherSurat
Publication Year1783
Total Pages202
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_upasakdasha
File Size29 MB
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