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________________ कोडीनो घर वापरो बबाल | तेहमणावांबई ब| | माहरा घर घी लेवज अनइंले ईनई | आली डी उपविचरप उत्तान कचोनादिक नई वियतमसा तो गिदान ली ऐत्ताच्यानं यानगरीन इंविषई | | सिंघाडा दिकई| नांषवन || तेमा टइंश्रेय निमुपपुरुषनई यऊं जाउं । सियानयरीए सिंघाडय जावपत्रितं सेयं खलु ममं पयंपुरि संगिएदीत |इमकरी नई | छाइज कालवा जिमसुरादे बनी पर | तिमज ) सार्याई पुग्यो | | तिमजकदिन] ] ] शेष एतिक्का उछातिए जहासुरा देवो । तदेव तारिया से पुञ्चति देवकदेति से || जिम / चुलीपातानी परिजानुक सौधर्म कल्पे | अरुण सहि विमान नई विषई देवताप || ||जदाचु लिपिमा जायसो हम्मे कप्पे अरु सिधिदिमा लेज वदले|| यारोपमनी) स्विति |- |शेष | तिमज पूर्ववत् | माहाविदेहमां हई || सीशसई) चारिपलीत व माहिती मेमंत देव नाव महा विदेदेवासे । सिशिहिति मई लई उपनो ||
SR No.650006
Book TitleUpasakadasanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorSomji Rishi
PublisherSurat
Publication Year1783
Total Pages202
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_upasakdasha
File Size29 MB
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