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________________ ए० राजानेंलाजस लेक सं०सहित मक्मोतीरिव | सन्समुविज मोघली वनानोमे | यामदिहिए समुह विजए नाम रायलरक एसेजूए यती नोक सो०तेरिन्निक्षल साथी या दिकस करम तते हनीभार्या ती. ते नो 90330 | भभगवंता सि० सिवानांमा महायशवंत વિદેશિની तरसना सिवानाम | ती से सेम हाय से भय वेरिहने मित्ति लोग नादे एकसहस्त्रक पर गो०गोतमगोवीका कालो जुषना एवं सन्समचरेसस टने मनात लोस्वरकंक्तेलेही संघसहित जन्नक्षण नो०६रदार सरी सीज कांतिप सन्ध्य स्थानक मानला |दमीसरे |४| सोरिहने मिनाप्तो वरकरण सरसंजू | नासरीषो वदर/ततेनेमनाथनें काजे रा० भ० भार्यपणे ना जाये ते अहिसा तेरा राजा सु०सुसी रूमी सीलवंतीचा ससर्वस्वीनेत्रजेन विश्वीज लीसरी पेटलेजेनो राजमती कष्कन्पा के०कृध्नवासदेव६ नीयांक कन्या नीची दृष्टी जो वेस्डीना दो परदित क्षले करीसं० सहित बीसो० सोदामनी | सोकसोदरो तरस राइम कन्ले मज्जाय के सव६ सारायवरन्ता सीनावारूपे दिली सङ्घजरकपणसंपन्ना विज्त सो | नामपिलवी जलीनो तेसरी आदि० दो मोज रा०वासुदेवम० इ०इटी या०जोश | जोजो सेन्तेक क स सर्व० रिजयविजय क०कीधाको ||श्री० शरीरनीतेन कांत पिता ती तेराजे तीनो महर्दिक बैऊऊंमार पाद०० बीकरी राम्रो को कमंडल सदरसल रकणधरो । गोय मोकालगछदी वज्ज रिसद संघयणो समदनरे | समलिप्पना | 9 [9] दादजराती से वासुदेवमयि । इव्हान कुमारो | जासेकन्तादनामा सर्वेस दी हिन्द विडं ॥ कयको १मुषमस्तकमांहिदिश्यांनतुख आहारादिक आभरले करीव मातोοकनकसुदेवो छिन्ते ऊपस्विटयो सो० सिमस्त कनैति सकीने की मंग बेव०हिस्वा | बावंत की धात्री नेमिनाथजीए हस्ती पदाथमादिवोदाथी गोमै अधिक बेमामलि जयमंगजी लीक दिवंयल परिदिन | च्या नरो दिविभूसिनं मतं गंधव नासदेवस्स जिगं आरुढो सोदरादियं सिरेहमा ३० मारश्कार/ २०स्ववेकरीओने बैज जि नीसे०सेना मनमेर विजोइयेतिम नरंगिणीए सेलाए। रइया एजदर | सुरज जिम सोने में वे अहिने अवं चावेसे वारकरी | द०जादवने २०सरे करी स०सर्व१० परिवार चेतिमश्रीनेमिनाथ चोवेकरी सो०सोमती कदीसेले सोते श्रीनेमिनाथ सहित परिवर | मजिद | १० | कसिएगा बने | चामराहिय सो दिन दसास्वक्णय सो सङ्घपरिवारिए | ११ | रवीचेदाथतिदां ह दिनकरी ००९दवीश थीनी अधिकार इमोमानी काश बेक्तिरि अधिकार श्मरथरश्मा करी करस्पोले २२ बेकरी क्रमं यककाररीसेन्या त्रुटियाल संनिनारणं| दिघे गगकुसे | १२ | ए या रिसीए इटीए इन माइया नियगाउन वार्ड निज्जाव ॐ० वाजिव संवादे फरारी स्नी कांछित निष्नीकल्पो वयादवमार दिपधानपुरुष मेकरी नवनथी लोब्लोक नोनाथद निष्यापा पोतानान०
SR No.650005
Book TitleUttaradhyayana Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorGirdharlal
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1885
Total Pages286
LanguagePrakrit, Marugurjar
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size44 MB
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