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________________ ऊपना नाजोगिक निक अनामिकने त्रसत्रारानी शरीर नानाकर जावडमक यथहवेएल्थकीने नानाविधमबुमनगमा य एककम्मरसवनमान मयरमा नावसरगन:स्ठानकताकरेंक र एकत्रायएकबनाय या मिनाम कायनास्वरूप पना लो छकाया मोनिकनयम लोहियातमपाशासरीसम्मायावन्नाजावमरकायमहानथुरस्कायनाराविहारणेमणुस्मा नकम्ममगादात्रा बर्थ-जकमा SN एकच्छकर्मचमना एकचनरदीपना एकनाथ एक एनई बधाबी करीजेजे यथावकाशकहिती मानानीक गाळकहास्प हमें बकरकरनेवा अपना बीनतेयथाबीन बिखजुरुषनेयथारहान वामहावसकायनोस्वस्त पहनारवरया गो प्रकम्मरमगाअंतरदीवगाणं ग्राश्यिामोमिनुस्कातमिवणं माहाबीएडा महाबकासबीएरित पकहीये नार हर निधनम नष्पनोस्वरूपाक्षप खसषखाने मलकमानाम समश्नवनिक नामअर लीकानापोयोगमपनि नेलीयपननाथका प्रथमसमय नियचश्मा विजागे वदनउदयनयानाविषयगाऊपनत तिहजीवनेनयकामपाशार ऊपजे ल नोस्नेहविषाहार पदेवना स्सासयकम्मकडाराजोगियाएवमकवनियाएनामसंजोगसमुपनतितिविमिाणसंधिति भारकीप्रसप निहांजे जीव एकमीप पकन एकनपुंशकपणे जीवमातासैवेधय पिनासंबंस तिउन्जय ऽयुबती कषऽब लन्यालजी पणे ऊपज रक्तश्व क मिश्रित के तaजीवाशचिन्तारारिमन्नारामधुसगनाएविनतितिजीवामान नौविचमुकेततनयंसमहकसुसकिधि मफलनी जाग का इनका प्रथमयमय आहार मा हार निवारपा जानना नाना प्रकार स्खवता आधार.आर निवारें हनोएकप्रदेश AMERCAM मानानी उजामाहाराहराई नाहरविणार संतयारमतानाहारंमाहारतितोपबाजोसमातालालाविहारसविविनोदारमार्तितताएगादसे तिलिनि एसें वृद्धिपोहना तानिएकायाथको नियोनिथकानीकले एकस्वीथमीक सर जवानापन मनिऊपन नावनासिक निः क्रमई एक पुरुष नयका के ज्यमानारतिअणुकुचेाबुहायजिनागमणुधिन्नातोकामातोप्रतितिरमाणा विगयाजमंतिपुरि अनादिहचोप्रा थानाम कनयकथनात्र जीव बानकळता मानानानननोऽयरनमादाराक निवारपना अनुको वा अनुमानग वतीने पहनेकाहार ए संवयानयंतियुसमावेगयाजयतिनिजीवावहराममाणामारकीरसाबियाहारितिनपुवणबहाना ठहन कुआषा अयथावरशीयाने पिपनेजावाहारकरे यवानोशारनवपादिक वापरासरीरमरा अपूरमनेरा नानाविध पिलाहार दिक नेमालापरतो जावन करेपनावनानेमाह पलि प्रपनीय यणेक्कामासनसघावारसपायानजीवामानारतियुविसरीरजावसारूविकसने अवारविमानसिमा वाना-cre प्रकारका रमनापऍपरेए जिगिक बीजोत्र भाव
SR No.650004
Book TitleSuyagadanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1877
Total Pages154
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_sutrakritang
File Size69 MB
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