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________________ 30 धर्मनाच्या दिनाकर परंनेहनी नाना लहार कहि वाई कार नीबुद्धि श्यांच्प्रदिक राक्षम्माणं ना गायन्नानारण मोट मंरुल बंधिकरी मवई एकल प्रदे पोकिरी नाइं बैठ मदं मंडलिबं कि चांस एगया 'नविद्वेति पुशिमयसागणिया इंगालास पानिंब ऊपडिषुन्ने] मां संडास ए नाना नानाप्रकार नानाप्रकार नानाप्रका नानाप्रकार नानाप्रकारनाम एक कारनाव नाच्या चार नीदृष्टि नीरुये नाच्ारेन सायसहित एहवामा पापलोपदा श्री वेदांना सीला' नारणादिही नाणारुतीनागारं ना' नागा शवसा से जुझाएग सेवायें कोई एक पुरुष नेनेंच्य हिंदीप बासली जिन मार्च को जाएग धम्र्मनीमा दिनाकर नानाप्रका जावद नाना कारना श्रयैव एम बोज्या मायें करी संयुक्त MINLAS सहार रमी बुद्धि. महायने सबैपावा एप्रादि रम्माण नापन्जावना पाश्र्व सांस ना एवं वया सिंह नोयावाश्याच्या निशिकार णें त्रुम्ने गनीना अंगारा साजन जेई ग्रह नई प्रति एक धाराश्रम्माण नाणापन्ना जावन व साग मंजुला इमे ताव' प्रे सांग लियाएँ गालामा'ब ऊपनिंगहायमुक कर्ज हाथ ऊपरं वर परंमायानुप्रास मन कर अमिनी विद्याबलई मनकर माझे मदिं साथ मिकिनो वेया त्रयं पालिया 'धारदा'ब से डाम संसारिक द्या लोबमधेनयेिक द्या' नानक साहमियांवया वाद मादो मोदि । पराकिनो वेद्यावयमतमिदाघनो उपसमादोमनकर कि मायारदिनका दाथपसार कही सरल कीमा पनिपल का येऊ द्या' नोबऊपर धम्मियावयावडिये के द्या' उद्यया गियागपदिवन्वा ममायं क धमाणांपा पिसारद' शनिद तेषुदष पामीन गाव पात्र जोहमय जोमय काम रही नई कर अभिजरी हाथऊ चपुरिसितिमिपावा दिया ते सांगशिया में गालापानिकपडि पुन्नैनमएस डास एवंग हायपा परें मुंकई तिवार धर्मनीमा दिनाकर एहार नानाप्रकारनी जावद नाना प्रकार नाम अमिथ को मुसरनिं तर समिति सचेपावा दिया.प्रदिश्रम्माणं नासापला जावश्र्वसा एमपुत्रा' पापि हि। नेप मज्ञासहित
SR No.650004
Book TitleSuyagadanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1877
Total Pages154
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_sutrakritang
File Size69 MB
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