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________________ RAMAYANTRA SAHMA साचन किलिपीनुसाउनमक बजीबदिरायुगाबलाथा चुर्णतिर्ममार एकान में मनायजी केव Cशने माजमाकरें, वल रगडागजी रकएकाईराहास्सिताजाविष्यमचमाणानुद्योगलमयनाएतमुदानापञ्चायतिएमहापाnि अकेव जावद यबस्वयकीप्रकाशनथाई एकातमिथ्यात्वनों माप तले वीनो रचानक म मिश्रन पहि व लीनजना नाताबो कारविशेष कर लिजाबेअसऽस्कप्पहीलायतमिविप्रसादासरवलुतवस्महागास्समिस्सगरमविएवमाक्षितंन्याहा थानला प्रथमम्ठानक अश्वम्मपनि स्वरुपकदि मान जग निश्चै नुवादिकदिशिवि एकेक मनुष्यएहवा माटाज अनन maratbidoमोहि ,दिनाने,विष नीच arपदमस्सहायरस अश्वम्पपरकस्सविसागरावमादिद्यतिखलुपादोवामातातियानास्मानविन ठावि महारंजाक महापरियहावामा प्रवम्भिक असम्भन अवजा प्रचर्म बत्रन अधर्मनीनुमो अधनका श्राजी अधुम्मनछन नयम सनी रया दिक, दिकपरिया मे रमाकरे दकानाकरसार १६ वामहारंजामदायरियहाअवप्रियाप्रधम्माणुया प्रधान्महाअमरकतीअहम्मनीबीसदमनपलाईअध नजदापाव अधर्मनोनयाचारनथाव करीवृन्निकलनाकरनाथका विवरे नन्दनीय भए कंगदि शुरली पहनाधर्मपाको जावळे जेहन समाचाकह पाते अचम्मरती अनेना ने पिणारहवीमादेशयन करना जाननाउपनाद म्मपलाशाप्रधामसीलसमुदायारा प्रधानणाववविकिपेमागविहरतिशाहबंशतिंदविगतगालो सदाइलोहाई मसचे महा महाक मायादमी सूजिकारोपण वचने पर मायाये बगनी नि१२ववना बानीलेवनकर्म ऽस्सील कराहायरानाक रोग क विवर विपनार कानावुद्धिजपामाबरूपरहो' सादि भकोरकालाषा हितयाणीवडारुहारकुहासादस्सियाजकंवणवणमायाशियडिडकवसानिमपनगबलास्मीला पाल उन प्रयानेदरारा असाच सर्वपापानिपातयको अविरत जाववजीव निरोजगे जावद सर्वपरिग्रहथकी... तथा वता परियादानसाहसबातोपाणतिवायाप्रपतिविरयाजावजीवाराजासवानयरियहागम अविरत मावनीवलगी क्रोच मान मायालाजरा मिथ्यान्वदर्शनशमयकी अविरत गदेषकर गोजमा एवं८ कापस्कानकायकी। पहिबिरयामाधीवासवानाकोदाजावाबादेसंशसान अपशिविरमा मचानालायुम्मणवा Marita नारा नानाविहान 1. २६
SR No.650004
Book TitleSuyagadanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1877
Total Pages154
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_sutrakritang
File Size69 MB
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