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________________ वली मनुष्यतवें वदिशांधागाथाईतिवार पछी नेपाल एकको मापणे पानिनेहेते स्वजननेंटेनई यरमेंनि परिवार में निमित्र अनवारने पाप नरकादिनानिविषवमणकरएता परलोकरकाप्री नई . मिन्नई रवातोजेक नोफानो द्योगलमूयताएसमधमाएपच्चामंतिसेएकातिनमायाद नवासायाहवासयाहेबांमागारहेवापरिवारह करने ककलो हर परिविजएए अथवाय नेमानेश्राई' अवाबिरूयाकर अथवा कार्यकर अथवाप्रनिपंथिकमा अथवाधिदको प्रय 63 उमीमा वासापामेसी तनायकार्यकर कहे वासायनीक मेंगा वाजल स्नोमनकर जाना सीमावरकर ४ बा | भवपिक वा मायगवामहवासिवालिमाएं ग्रेवाग्राणुगानिावानवधरंगवायाडिपक्षिावासंक्षिाबदराच्या ग्रंथिकर अथवागाdent उर अथवा मोकृरिक अथवावागुरोथार अथवाशाऊनिकची अथवाभाग अथवागोघातकगा पत्र काग नेहनगों परावार यानेजणीपाराधानथाई भा२३. वांगंविबंद मकवानश्चितप्रवासावरिडवावाशिवासोनपिवानवाघाय नयवागोवाजीयोथाम नमवाबाफुनिकधीयान ते को एकपुरूष- किराहाकरंयामानहरयमीऽयजा कजीवना विनान लापाशयान इत्यादिकमने आत्मादिक ने लाकैमिथाई हनवियूांश उपजावी नेहने कर९३४च्छा अमवा गोवाला प्रवासाततिप्रश्वासोवणियसिएसंहमतिमाणुगामियनावपदिसंशयामाका मिरिकमादिर | काविवरे विश्वामीने हाईवे पर विशेषथका मानादिउपाय बहनोधनले मातुर लापरे ने पुरुष मोरईपापकम् आपणो कर जीवनया विमासेमाई. अनशमें.करीमामा गामियदेतानानापश्तावियश्नानवतावादारं आहारवितिसमक्ष्यापाविहिंको मेमिनाणे गनिमा पास नरकनिय पककोई पुरुषवमनने पकराजावादी उपवाजावत बने रणी ही जेदी पी विशेषयको उप बानिनामविरमानथानानाप्रकारउपाय कर विसामीणी नई अवस्कारतानवतिरसेएमनिममदेवशानावपक्षिसंधायामवववरितांबलजन्नालुपनाविपत्र असार आर एलीपरेनेपुरुषमापापक प्राणायामाने अंसारमा परिव ने कोरकरुप बनवंतपुरुषजाती प्रजाती के मेर्करानमण कराई। थाई तेहनेविश्व नायादारे प्रारतितिसमक्ष्यायाविस्प्रिाणवस्काइनानविसेएमथच्याडिपक्षियनावपडिसेवायत शपजावे दरों छेद नेदर रोपई विशेषयकालु उपपवे नेनोसासरा एलापरेने मोरई पकाई पोनाना। पुरुषकरात्रात्माना aay मिडियदेहिना देताबनालनपश्ता विल्लुपतानाशाहारतिभासमस्यांमाबकम्मेलिना आहार
SR No.650004
Book TitleSuyagadanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1877
Total Pages154
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_sutrakritang
File Size69 MB
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