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________________ गान सध्यति मान पाली जीप निश्चल बहीनय के तिशिकार या लेवर्ड अथवा सुंकव जावद किंबऊना निमेो विविधप्रकारेंजेद पप उपयुक्त पणि करन जेनी मात्राब गमाशस्मा शिखिन माएस्सेना' नावंचरक्रम शिवायमविवि मातामु नेवासाने सूक्ष्म इरियावहिनामक्रिया तकियाकषाय विना पहिले बीजई समयें वेदीई, बीजेममयें निकरायें जेलों कारणोंक एकीया केवल न पिए जागें जिसका पोंस समय बंधी फरस म बंधनी स्थिति ऊमा किरियाइरियावहिया नाम का इ मा पदमसमए बाबुडा बिनियममावश्या तयसमएनिधित्रासाबापु काळे कषायरीया तेइनिया वही किया श्रीम मनि तेहनें तापय सावध कर्म एक वर्ड एतले तेरमनु क्रियास्ठा वही नाधीन नथी कर्म ना होई वीतरागर्ने इरिया वही किया लागे વધી नक उदीरियाणिन्ना सय काल कमाया विनवेति एवं तस्य सप्पत्त्रियंसावाद्यतिप्रादयति तिर सामकिरियाता इरिया वही नामें कल १३ अर्थ नीकाले जेहमवनमा जे आगामियें कालें अनि गर्वन सर्वेते एतेर कि जिनलया नकालें जिनके मई एरिया बहिनि प्राहिता' ख' सिनेमांजय प्रतीता जेयप डुप्पसा जेय आगामिस्सा रहता नगवंता महोत एखाईवे तावनाया जायें ळें तापम प्ररूपमई एमतेर क्रिया रूपनाया प्ररूपैठे सगडागजी सावत्रपरिषद के पाय सुधर्मा सावधान वस्त्र पातरो कंबल बाउ पाई स्वामी ईई मायाछानक वीर समीप श्री मर्थक छान करतें प्रकारे कश करन उद्य लीना वातरस किरिया डाणा 'ना सिसुवा 'नामेतिवा'नाभिस्सतिया' पन्नविसुवाषन्नदितिवापन्नविस्मितिया एवचात निमनेपने वनालया मेव बै सेवई कर कियाघांनक कहि तान कहा ऐोने या लिंकही यई एमनुष्प के नाना रुपनो विनय विज्ञान क्रिया विशेष केनला एक कह रस मे किरियाहारों से विवासवेतिबांस विस्मति अन्त्ररं वपुरिसविजय विभागमा स्किमा मिश्हरखलु ना दिनी नानाप्रकाराने नानाप्रकारंजे नानाप्रकार नीज नानाप्रकारनी नानाप्रकारना नाना कावायें नानाविव पाप ज्ञानाच्या दृष्टिरुदि मारंजकरे संयुक्त नाए माविमा पाला दाएं लाएगा सी लागे ना गादिडीए नाला रुई नागारं नाएं ना शासन साए संजुला खारा विदेपा नाध्ययवजांपा वा नेकले तद्यथा समिति उसात व उल्कापात व काकशिवादि जनम सीजण पुरुषजकूण विषादि मेघादि बाल स्वरलक्षण निका नकरें निमनि रत्रिकालिन मानय रिषो उपदे क कि 22 याथांन त्रविष पापन कहि ने कंकारिक न लार्दिक व मुनय एवंजलि तेज हा जोमै उपाय मुदितलिरके अगसरल स्कवं जेएं प्रचिलरको रिसलरको ईकाई
SR No.650004
Book TitleSuyagadanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1877
Total Pages154
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_sutrakritang
File Size69 MB
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