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________________ नामाकरी दोरहाईक तेदनांपासावे अथवा अफ्यिई तुष्टीय पाषाऐंक कपालादि के नेअपराधी गाउंना रीन करीनोशरीर कई बिमावालयावायामाहालिन्ननतिदंडेवाग्रहीशावामुहीवालेखावाकवालेयांबाकायानि किंबऊ तथाप्रकारदेनईकरा एकतवमान नेग्यजन उमण एमात्रुलावनीना तेशजी तथाप्रकारे झपाई बोअपराध दमन नादिपुरुष चा जपाय कर नवतितक्षप्पगारपुश्मिमातिसंवसमारामातियवसमासुमणानवनिप्पसासंजारादेव्यासीदा गयोदरुक जेरुने जन्म एवोनर लोकरंजीवने महिनना कारण परलोकें प्रनलेकणि कोकरें मांसजाकर शर हिनकारी विषयाई मोह उपालीदंदयरुगदेरपुरका अहिरामसिलोगसिपिसिसोसिसनलाणकोहविहिमंसियाविना मनिवेनेजीवनें तत्प्रसयमा वद्य एतले दशक्रियाम्हानक कार्य • अथएनलाकला RRC कम बम मने नर anववलुप्तस्सतविठसामोनिश्राहियातिदसामकिरियाद्वामिनदोसबनिनियाशित महिावरेगका जम्मारखं कियाछानक मायापययिक कहीय RA षाचा अंधारे बाललोक पाने ध्यानापंबिथ आपराने गतीमाप्रमुख जकारजमाए काकया करें करण नबुनथका तनानाप्रकारा रसामकिरियाहाणमायावसिानिमाहियतिजशामनिवतिण्डायाशमोकासियाउनुगपत्तलक्रया मवमा करामना मोटामा तेयादेशमाह अपना नावाठपणे आपाईगोपववा-जगीअथवा अथवाआपणाकमिनपर मनाएकी अनसय अनेक विधाऊपनाको नई परनवेचबानगीनायदेशनानाषाबाले मलाषा बोल मुख्यातिप्रायरियाबिसता गणाशियाउनामानविषमद्यविन्दासले प्रयासानहालिमहान अनेर बोला अनेकैबोनई ऊपरेंदृशेतकबनिमकोएकमेयामथ पुरुष समापन वाल्पआपण परवेदनान कानाको उलाजाहतो काटईनहा वामप्रिन्याइरियन क्षेत्रमाकामनाहानामकनियुशिसतोसनेमनोमयेमीहतियाँ मनेशुपाहिंकदा वैद्यनें अपवादिप्रयोगेंकरीनेशम तिमएमायावीयो०१ प्राधावल्पकरीने कामकार्यकाधु ने कसमम माता नही विधानसी यायकोवाउगोपवे निशाणाहरावतिलापिदिविसति वानवनिणवेश्नविनमाणे तो अंतोनियातिश्चानवमाई मायकोष पापाथकोमाछ मारवाया
SR No.650004
Book TitleSuyagadanga Sutra
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1877
Total Pages154
LanguagePrakrit
ClassificationManuscript & agam_sutrakritang
File Size69 MB
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