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________________ श्री कल्पमुक्तावल्या भी कल्प सूत्रम् श्री मतिविमलजी जैन ग्रंथमाला प्रन्थांक-२३ - ॐ ह्रीं श्रीं शंखेश्वर पार्श्वनाथाय नमः श्री दानदया सौभाग्य मुक्ति रंगविमलसूरीश्वरेभ्यो नमः परमपूज्य सकल सिद्धांतवाचस्पतिः अनेकसंस्कृतग्रंथप्रणेता श्रीमत्पन्यासप्रवर श्रीमुक्तिविमलगणिवर्य विरचित // श्री कल्पमुक्तावली टीका समेतम् // चौदपूर्वधर श्रुतकेवली भगवान् श्री भद्रबाहुस्खामि रचित श्री कल्पसूत्रम् परमपूज्य महातपस्वी व्याख्यानवाचस्पति विद्वद्वर्य परमकृपाळु गुरुदेव श्रीमद् आचार्य भगवंत श्री रंगविमलसूरीश्वरस्य शिष्यरत्न पू. आचार्यदेवश्री कनकविमलसूरीश्वराणां सदुपदेशेन इदं पुस्तक प्रकाशितम संपादक : आचार्य कनकविमलसूरिः प्रकाशक : श्री मुक्तिविमलजी जैन ग्रंथमाला कार्यवाहक
SR No.600451
Book TitleKalpasutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanakvimalsuri
PublisherMuktivimal Jain Granthmala
Publication Year1968
Total Pages512
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size40 MB
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