________________ श्रीभगवत्यङ्गं श्रीअभय. वृत्तियुतम् श्रीभगवत्यङ्गसूत्रस्य विषयानुक्रमः भाग-३ // 5 // | क्रम: विषयः सूत्रम् दशमोद्देशकः। 688-690 शालीमूलोद्देशकः-शालीकन्दादि कलायादिमूलादिः। 688-690 [22] द्वाविंशं शतकम्। 691 [22.1-6] प्रथमवर्गतः षष्ठवर्गः। 691 तालादिमलादिः। [23] त्रयोविंशं शतकम्। 691 [23.1-5] प्रथमवर्गतः पञ्चमवर्गः। 692 1 आलुकादिः / / 692 [24] चतुर्विशं शतकम्। 693-714 24.1] प्रथमोद्देशकः। 693-697 असज्ञिपर्यन्तोत्पादः-सज्ञयुत्पाद:शर्करप्रभादिषूत्पादः-मनुष्येभ्य उत्पादः नारकाणामुत्पादः। 693-697 [24.2] द्वितीयोद्देशकः। 698 असुराणामुत्पादः / 698 [24.3-11] तृतीयोद्देशकत एकादशोद्देशकः। 699-700 पृष्ठः / क्रम: विषयः सूत्रम् पृष्ठः 1333-13371 नागानां सुर्वर्णादीनां / चोत्पादः। 699-700 1368-1369 1333-1337/24.12] द्वादशमोद्देशकः। 701-703 1371-138 1333-13401 पृथ्व्या उत्पादः-द्वीन्द्रियादिभ्यः 1333-1340 पृथ्व्या उत्पादः-पधेन्द्रिय-तिर्यगन्तेभ्यः पृथ्व्या 1338-1339 उत्पादः- मनुष्येभ्यः पृथ्व्या 1333-1340 उत्पादः। 701-703 1371-1384 1341-1342 | 24.13-16] त्रयोदशोद्देशकतः 1341-1342 षोडशोद्देशकः। 704-707 1386-1387 1342-1417 | 1 अतेजोवायुवनानामुत्पादः।७०४-७०७ 1386-1387 1342-1362 | 24.17-20] सप्तदशोद्देशकतो विंशमोद्देशकः। 708-711 1387-140 1 अप्तेजोवायुवनानामुत्पादः।७०८-७११ 1387-1396 1342-1360 24.21] एकविंशोद्देशकः।। 712 1402-1407 1362-13671 मनुष्योत्पादः / 1402-1405 1362-1365 [24.22] द्वाविंशमोद्देशकः। 713 1408-1409 1 व्यन्तरोत्पादः / 713 1408 1368-1370 24.23] त्रयोविंशमोद्देशकः। 714 1409-1412 712