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________________ | क्रम: विषयः श्रीभगवत्यङ्ग श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-१ // 11 // श्रीभगवत्यङ्गसूत्रस्य विषयानुक्रमः 351 इन्द्रियाधिकारः। इन्द्रियविषय प्रश्नः। [3.10] 3 शतके उद्देशक: 10 चमरसभाधिकारः। 1 शमिकाचण्डाजातेति असुरपर्षत्प्रश्नः। [4.1-4] 4 शतके उद्देशकः 1-4 1 ईशानलोकपालानां विमाणाणि तेषां स्थान स्वरूपादि प्रश्नाः। [4.5-8] 4 शतके उद्देशकः 5-8 ईशानचतुर्लोकपालराजधानी स्थानादि प्रश्नाः। [4.9] 4 शतके उद्देशकः 9 नयभेदेन नारकोत्पादः। [4.10] 4 शतके उद्देशक: 10 लेश्यानामन्योऽन्यपरिणामः / 5 शतके उद्देशकः 1 चम्पारविरधिकारः। पूर्वोत्तराद्यासु सूर्यस्योदयास्तभ्रम प्रश्नाः। सूत्रम् पृष्ठः क्रमः विषयः सूत्रम् पृष्ठः पूर्वपश्चिमोत्तरदक्षिणार्धेषु दिन 170 335 रात्रिजघन्योत्कृष्टमान प्रश्नाः। 346 उत्तरार्धाऽऽदौवर्षाधुत्सर्पिण्यवसर्पिण्यन्तानां प्रारंभादि प्रश्नाः। 178 350 171 336 लवणसमुद्रे उदयास्तदिन रात्रिमानवर्षादिप्रारंभादि प्रश्नाः। 5 शतके उद्देशक: 2 172 338 वायुरधिकारः। दिग्विदिग्द्वीपसमुद्रेषु वातवानप्रकारः ईषत्पुरो (सस्नेह) वातादि, द्वैप्यसामुद्रिकवायुनां 173 339 व्यत्ययेन वातादि उत्तरशरीरिक्रियादि प्रश्नाः। 180 353 ओदनादि अयसादि अस्थ्यादि अङ्गारादिनां 174 341 किंशरीरतादि प्रश्नाः। 181 356 लवणसमुद्रस्य चक्रवालविष्कम्भ प्रश्नाः। 182 358 175 342 [5.3] 5 शतके उद्देशकः 3 जालिग्रन्थिकाऽधिकारः। जालिग्रन्थिकादृष्टान्तेन एकसमये 176 345 व्यायुर्वेदन अन्ययूथिकप्रश्नाः। // 11 //
SR No.600443
Book TitleVyakhyapragnaptisutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDivyakirtivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages578
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size39 MB
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