SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 7
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रीदशवैकालिक श्रीहारिक वृत्तियुतम् // 5 // // प्रकाशकीयम् // प्रकाशकीयम् ॥श्रीपालनगरमण्डन श्रीआदिनाथस्वामिने नमः॥॥श्रीपालनगरमण्डन श्रीमुनिसुव्रतस्वामिने नमः॥ ॥नमामि नित्यं गुरुरामचन्द्रम् // प्रथमराजा, प्रथममुनि, अने प्रथमतीर्थाधिपति, जगदुद्धारक, जगद्वत्सल, श्रीदेलवाडा (मेवाड) तीर्थथी प्राप्तथयेल विशालकाय | अद्भूत श्रीआदिनाथभगवान अने श्री मुनिसुव्रतभगवाननी अमीदृष्टिथी तेमज श्रीसंघसन्मार्गदर्शक पुण्यनामधेय परमाराध्यपाद सुविशालगच्छाधिपति पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद्विजयरामचन्द्रसूरीश्वरजी महाराजानी कृपादृष्टिथी अमारा श्रीट्रस्टनी स्थापना वि.सं. 2024 मां थई अने आज सुधी उत्तरोत्तर धर्मनी ऋद्धि अने वृद्धि थती रही छे। श्रीपालनगर नामने सार्थक करतुं अमाऊं ट्रस्ट नवा नवा सीमांकनोने अंकित करतुं रह्यु छ। वि.सं. 2056 नीसालमांट्रस्टना ज्ञानद्रव्यना सद्व्ययमाटे विनंति करतांसुविशुद्धसंयमी पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद्विजयविचक्षणसूरीश्वरजी महाराजाओ आगमग्रंथोना सुंदररीते संपादन माटे उपदेश कर्यो / ज्ञानखाताना द्रव्यनो सद्व्यय अने साधुसाध्वीवर्गने सरलताथी अध्ययन ए अमनो हेतु हतो। रतलाम चातुर्मास बिराजमान सुविशाल गच्छाधिपति पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद्विजयमहोदयसूरीश्वरजीमहाराजा पासे जई आज्ञा मेळवी, संपादनकार्य माटे मुख्यपणे पूज्य मुनिराज श्रीदिव्यकीर्तिविजयजी तथा पूज्य मुनिराज श्रीपुण्यकीर्तिविजयजी म.सा., आर्थिक सहयोग माटे अमारा ट्रस्टमण्डळे अने ट्रस्टनी विनंतिथी मुद्रण सुधीना आयोजन माटे श्रीयुत रमणलाल लालचंदजीओजवाबदारी स्वीकारी ज्ञानभक्तिनो सुंदरलाभ मळ्यानो आनंद व्यक्त कर्यो।सुंदर अनेटकाउ कागळ तेमज सुवाच्य टाइप अक्षरो अने सुशोभित छापकार्य माटे पू. गुरुवर्योर्नुसतत मार्गदर्शन अने श्रीयुत रमणभाईनी जहमत अत्यंत स्तुत्य छ। श्रीपालनगर उपाश्रयमांज अलग रीते एक सुंदर आगमकक्ष नुं निर्माण संपन्न थयु, कोम्प्युटर-प्रींटर-सोफ्टवेर, इत्यादि सामग्री वसावी, आगमग्रंथो उपर आगमप्रणेतानी दृष्टिनुं सिंचन थाय ते माटे श्रीगौतमस्वामीनी गुरुमूर्ति प्रस्थापित करी। पवित्रताना हेतुथी बहेनो।
SR No.600441
Book TitleDashvaikalik Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyakiritivijay
PublisherShripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
Publication Year2012
Total Pages466
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_dashvaikalik
File Size34 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy