________________ श्रीदश श्रीदशवैकालिकं श्रीहारि० वृत्तियुतम् // 10 // नुक्रमः 6.6 क्रमः विषयः सूत्रम् नियुक्तिः भाष्यम् पृष्ठः / | क्रमः विषय: सूत्रम् नियुक्तिः भाष्यम् पृष्ठः 6.3 धर्मस्य भेदाः। - 246-248 - 300 6.14 वायुकायसमारम्भ६.४ अर्थशब्दस्य निक्षेपाः। - 249-251 - 301 वर्जनविधिः। 36-39 - 315 6.5 धान्यरत्नस्थावराद्याः / - 252-258 - 302 6.15 वनस्पति-त्रसकायकामनिक्षेपाः समारम्भवर्जनविधिः।४०-४५ - कामस्य भेदाः। - 259-266 - 304 अकल्प्यपिण्डः। 46-49 - अष्टादशासंयम 6.17 गृहिभाजन-पर्यास्थानानि। 6-10267-268 - 306 दिवर्जनम्। 50-55 - अहिंसाऽमृषास्थानस्य 6.18 निषद्यावर्जनम्। 56-59 विधिः। 11-12 - 308 6.19 स्नानवर्जनम्। 60-63 - अदत्तानादान-मैथुन 6.20 शोभावर्जनम्। 64-66 - विवर्जनविधिः। 13-16 - 6.21 उपसंहारः। 67-68 6.10 अपरिग्रहविधिः। 17-21 - // सप्तममध्ययनं वाक्य.११ रात्रिभोजनत्याग शुद्ध्याख्यम् // 1-57269-292 - विधिः। 22-25 - 312 अभिसम्बन्धो कायषट्के पृथिवी वाक्यनिक्षेपश्च। - 269 - कायाप्कायसमारम्भ द्रव्यभावभाषा। - 270-271 - वर्जनविधिः। 26-31 - सत्या भाषा। - 272-273 - तेजस्कायसमारम्भ 7.4 मृषाभाषायाः सत्यामृषाभाषायाः वर्जनविधिः। 32-35 - 314 दशप्रकाराः। - 274-275 - 0000000 00000 0000 3 313 // 10 // S WWWW WW00