________________ भुवन जिन METERMS M 5 रागी जायेत / सिंहे जातो मनुष्यकः // 19 // पंचाशत्को म्रियेतासो / यदिवाशीतिको मघो // मघासु | चरित्रं | जीवितं मुंचे-पुण्यक्षेत्रे शनैश्चरे // 20 // विलासिनीजनालाद-दायको धनपूरितः // दाता दक्षः कविः। वृद्ध-भावे धर्मपरायणः // 21 // सर्वलोकप्रियो नाटथे / गांधर्वव्यसने रतः // प्रवासशीलः स्त्रीदुःखी / / नेत्ररोगी च निर्भयः // 22 // कटयुदरविशालश्च / कन्याजातो भवेन्नरः // शिरोरोगाजलादनेः / शस्त्राविंशतिवार्षिकः // 23 // त्रयोविंशतिको वापि / म्रियेतासो ततः परं // अशीतो मूलनक्षत्रे / वैशाखे बुध वासरे // 24 // अथातिरोषणो दुःखो / स्फुटभाषी क्षमान्वितः // चलाक्षश्रललक्ष्मीको / गृहे दर्शितवि-न क्रमः // 25 // वाणिज्यदक्षो देवानां / पूजको मित्रवत्सलः // प्रवासी सुहृदामिष्ट / उदारः सत्यभाषणः / // 26 // अलुब्धः संविभागी च / दीर्घनेत्रो दयापरः // निपुणः संग्रही चैव / तुलाजातो भवेन्नरः // 27 // म्रियते विंशतौ कुड्य-पातादिभ्योऽथवा पुनः // अशोतावनुराधासु / ज्येष्टमंगलवासरे // 28 // बाल्यप्र. वासी क्रूरात्मा / शूरः पिंगललोचनः // परदाररतो मानी। निष्ठुरः स्वजने जने // 29 // सहसावातलक्ष्मीको / जनन्यामपि दुष्टधीः // धूर्तश्चौरोऽफलारंभी। वृश्चिकोदभूतमानवः // 30 // वृश्चिकाद्वाहेश्चौराद्वा | म्रियतेऽष्टादशाब्दकः // पंचविंशतिको वापि / ततो जीवति सप्ततिं // 31 // शूरः सत्यो धिया युक्तः / / |" ADHE / 105