________________ नक्ता // श्रीजिनाय नमः॥ सटीक // श्रीचारित्रविजयगुरुत्यो नमः // ॥अथ श्रीनक्तामरस्तोत्रं सटीकं कथामयं प्रारभ्यते // (मूलक -श्रीमानतुंगसूरि. टीकाकार-श्रीगुणाकरसूरः) पात्री प्रसिद्ध करनार-पंमित श्रावक हीरालाल हंसराज. (जामनगरवाला) पूजाझानवचोऽपाया-पगमातिशयान्वितं / / श्रीनानेयं नमस्कुर्वे / मर्वकल्याणकारकं / / 1 // महारजतसद्वर्ण / महानंदविऋषणं / महावार जिनं वंदे / महामोहनमोऽपहं // 5 // श्रुतदेवीप्र. सादेन / भक्तामरवरस्तवे // वार्ताः काश्चिञ्चमत्कार-कारिणीः सार्थिका ब्रुवे // 3 // तद्ययापुराऽमरावतोजयिन्यां श्रीनऊयिन्यां पुर्या वृधभोजराजपूज्योऽधीतशास्त्रयूरो मयूरो नाम पंडितः प्रतिवसतिस्म, तजामाता बाणः, सोऽपि विचक्षणः, योरन्योऽन्यं मत्सरः, नक्तं च-न सहति | कमिकं / न विणा चिठति कमिकेण / / रासहवसहतुरंगा / जूधारा पंडिया मिना // 1 //