________________ जयन्तीप्रकरणवृतिः / ROCESSOCISCC हस्तिमवे शशकस्य रक्षा कृता। n48 // | करीण अणुकूले / उप्पनो गयराओ करिणीजुहंमि गयराओ // 685 // अह अन्नया कयाई गिम्हे अवलोइऊण दवमुग्गं / संजायजाइसरणो सरणागयवच्छलो मइमं // 686 // चिंतइ अणागयं चिय अवचिय तिणवल्लिरुक्खसंभारं। सुहसरितीरे | काहं थंडिल्लाणं तयं गरुयं // 687 // तत्तो वासारत्ते सह जूहेणं तणाइयं सहसा / उम्मूलिऊण सम्मं कुणइ महल्लं तयं तत्थ // 688 // तो खरपवणपणुल्लियवंसकुडंगीसमुट्ठियदवेणं / भयभरियमणो धावइ जुहजुओ थंडिलाभिमुहं // 689 // आरनियजीवाणं वणदवजालावलीहि भीयाणं / कोडीउ पिंडियाण तो पेच्छई थंडिले पढमे // 690 // करुणारसभरनिज्झरगिरिंदसुंदेरमुबहतेणं / तेण करिंदेण तओ गएण बीएवि थंडिल्ले // 691 // तरलतरलोयणाणं वेविरगत्ताणं वित्तसंत्ताणं / वुनवयणाण हरिणाइयाण लक्खाई दिवाइं // 692 / / कारुनपुन्नहियओ तंपि य चइऊण थंडिल्ले तइए / सो पत्तो करिनाहो चिट्ठइ जुहेण सह सुहओ // 693 / / अह कंडुविणोअत्थं जावेसो पायमुक्खिवइ हत्थी / तावऽन्नसत्ततासियससओ हेट्ठा समल्लीणो // 694 // उक्खित्तचरणमारो दयावरो मुणिवरु व तं ससयं / सरणागयं व रक्खइ दृढसत्तो एस करिराओ / / 695 / / तम्मि सुमणोभिरामे करुणारामंमि हत्थिरायम्मि / सिवसोक्खफला रोहइ घणपुनपरंपरावल्ली // 696 // कइवयदिणाण अंते तमि दुरंते दवंमि उवसंते / अट्ठवियचलणो चलिओ स गओ धरणीगओ तत्तो / / 697 // तन्हाछुहापरद्धो अकामनिजरणकम्मलहुभावो / आवन्जिय मणुआऊ कमेण पंचत्तमणुपत्तो / / 698 / / अह अस्थि जंबुद्दीवे भारहवासंमि मज्झिमे खंडे / मगहाभिहाणदेसो गामागरमंडिउद्देसो // 699 / / अगओ असंखसद्दो सुदंसणुच्छिम 1 उद्विग्न / 2 वैद्यः। 5555ASSS सुमणोभिरामक्खित्तचरणमार" अह कंडारण कारुनपुनार USIC