________________ 31 // C प्रश्नं कृत्वा ज्ञाता तुम्हारिसीण चेट्ठा न विणा हेउं हवइ कहवि // 430 // जंपइ मियावई तो भगवइ किन्हो मए अही दिहो। कोणासजीहदीहो तो सवर्डमुहो तुरियं / / 431 // तो विम्हिएण वियसियमुहनयणा चन्दणा कयणुभावा / नजइ सुमणोणुगया गिम्हेण व पाडला फुल्ला / / 432 // पुच्छइ य सूइमेजे अन्जे ! एयंमि अंधयारम्मि / किं अपडिवाइअइसयनाणेण तए अही दिवो // 433 / / आमंति तीए मणिए सज्झसपुलएण कमलिणीलीला / वहइ भमराणुकारं मणकमले सा चमुकारं // 434 // मिच्छामि दुकडंति य भणइ मए केवली अउनाए / आसाइउत्ति अइबहुपच्छायावं वहइ हियए // 435 // आणंदनिम्भरमणा थुणइ य सा चंदणा तयं पणया / भगवह मिगावइ तं सिंहकिसोरी तुम जाया // 436 // जं कम्मकरिघडाणं दलणसप्नुच्छलियकित्तिमुत्ताहिं / सिवपहसत्थियमंगलमालमियाणिं तुमं कुणसु // 437 / / एत्थंतरम्मि देवा केवल. महिमत्थमज्जया इंति / चिंतिअमहो दंती ते खंती ते अहहमुहसंती / / 438 // तह धम्मकप्पतरुणो मूलं विणओ खमाइ तुह लीणो / विबुहनमणिजपाया जह सेससिरोमणी जाया // 439 // चउदिसिपसरियगुणगणखीरोयसमग्गएण जसससिणा। तुझ मिगावह ! भगवइ ! जगत्तई धवलिया कसिणा // 440 // ससिसूरविमाणागमपार्डिसिद्धिएऽणंतकालाओ। अजे ! केवलदंसणनाणाणं तुज्झ नं लाहो // 441 / / वासंति परिवहंत मिगावईउवसमस्स समसीसिं / विणिवारियरयपडलं विमलं गंधोदयं देवा / / 442 // एवं परिगलिआई झार्णपावणेण कम्मदलियाई। पुप्फाई अलिरुएहिं मुंचंति य इय वयंति व // 443 / / घणकम्मवंसजालीझाणानलदहणसद्दगंभीरो / विम्हयमुपायंतो पयट्टिओ दुंदुहिनाओ // 444 // इय काउणं 4 सम्मुखः / 5 मनोगतभावसूचकचेष्ठा। 6 अपुण्यया / 7 समुद्गतेन / 8 स्पर्धया। 9 स्पर्धा / 10 ध्यानजलसमूहेन / प्राप्तिः, ततश्च चन्द| नबालया कृता क्षमापना प्रशंसा च केवलिमृगावत्या // 31 //