________________ // 263 // चम्पयपन्तीवि फुल्लसिहरग्या / कुंकुमच्छडामिसेया पयवी व उविन्तमयणस्स // 70 // तिलयदुमावि रमणीसकामदिट्ठीहिं अमयबुद्धीहिं / सोहंति बहलपुलया उम्मीलियकुसुमपम्भारा // 71 // विरहतरूणोऽवि पंचमराए गीयंमि पुष्फसंभारा / महुयरवच्छलेणं लीणं वीणं च वायन्ति // 72 // विसयाहिलासरसिया एवं तरूणोवि हुन्ति महुमासे / विलसन्ति य नायरया सद्धिं तरूणीहिं कीलता // 73 // अम्हं चेस किलेसो संसयदोलागयंमि परलोए / साहीणा रायसिरी चत्ता ही मोहमाहप्पं // 74 // अज्जवि न किंपि नटुं रजं लहिऊण भोगललियंगो / अक्खलियपयावपसरो सुहेण चिट्ठामि अणुदियह // 75 // चारित्तमोहराओ वसन्तमासच्छलेण पसरन्तो / खोहयइ गयमाहप्पं एवं निवकण्डरीयमुणिं // 76 // मिच्छत्तनरिन्देणं अणन्तकोहाइबलसमग्गेणं / पउरगुणरयणपुग्नं भग्गं संजमपुरदुग्गं // 77 // गच्छाओ निक्खन्तो विच्छाओ तयणु तावसन्तत्तो / जुवरायकण्डरीओ मुणिवरवेसो पुरि पत्तो / / 78 // उजाणपालएणं विनतो पुण्डरीयनरनाहो / चिदुइ जुवरायरिसी एगागी देव उजाणे // 79 // सोऊणेवं राया चिन्तइ गुरुगच्छनिग्गओ एसो / ओहावणाणुप्पेही महभाया कण्डरीयमुणी // 8 // परिमियपरिवारेणं तमहं गन्तूण ताव पेच्छामि / नाउण तस्स चित्तं उचियं तं करिस्सामि / / 81 // इय चिंतिऊण गच्छइ उजाणे पुण्डरीयनरनाहो / पेच्छइ दुवासीणं तं तरूसाहोवहिं तत्थ // 82 // छज्जीवकायकरूणावल्ली विसयाहिलासजलणेण / मन्ने समूलदड्डा परिणयचारित्तफलफलिया // 82 // उवएसाणमजोग्गो एसो भोगाहिलाससप्पेण / दट्ठो संजमजीवियमुक्को चुक्को जिणाणाओ // 83 // पावपसचे चित्ते धम्मकहा सबहा न | गुणहेऊ / चेले नीलीरंगे कुंकुमराओ हवा किंवा ? // 84 // अन्यच्च-अणुवट्ठियस्स धम्म माहु कहिजाह सुट्टवि पियस्स / मनपरिणाम: कण्डरीक| उद्यान | समागतः परीक्षितः पुण्डरीकेन। // 2