________________ // 261 // SAM%25 उजाणपालएणं रहसभरोभिन्नबहलपुलएणं / वद्धाविओ नरिन्दो समागओ कण्डरीओत्ति // 36 // तस्स पयच्छह राया सभृसियं पारिओसियं दाणं / कारागारविसोहणपमुहमहं कारइ पुरीए // 37 // तत्तो सबिड्डीए गच्छइ गुरूपायवंदणनिमित्तं / मणसा समुबहन्तो परमाणन्दं अणणुभूयं // 38 // पंचविहाभिगमणेणं ओयरिओ हत्थिरायखन्धाओ। आलोयकयपणामो राया बद्धंजली हिट्ठो // 39 // तिपयाहिणीकरेउं पणमइ भालयलनिलियधरणियलो। सुगुरूण पायकमलं तिगरणसुद्धण भावेण // 40 // अज्जऽम्ह तुम्ह पहुपयलग्गाणं सुगुरुदिढिदिट्ठाणं / सो वि दोसरासी दूरपवासी धूवं जाओ // 41 // तुम्हाण पायअरूणप्पहाहि दोसावहारसूराण / गुणचक्काण सहेलं जं मेलो होइ कि चुजं // 42 // सुहसायराण सुहगुरू तुम्ह समीपंमि द्वाणपत्ताण / सुमणोवियाससहला वुड्डी रूक्खाण व जियाणं // 43 // इचाई पुंडरीओ राया सुगुरूण संथवं काउं / आपुच्छिऊण वन्दइ महामुणिं कण्डरीयंपि // 44 // जिणिऊण मोहरायं धीरत्तए विक्कमेकरसिएणं / पवजारजेणं सुहसवंसं जए पचं // 45 // गुरुगिरिपायनिवासे तुमए मुणिसीह कामकरिदलणे / मुत्तासिरि व दिसिदिसि पयासिओ कित्तिवित्थारो // 46 // ता सबहा तुम चिय नियकुलगणगयणमि चन्दोऽसि / सोहसि तारयमुणिमझगओ संपुनवित्तधरो // 47 // एवं पसंसिऊणं राया सिरिकण्डरियरायरिसिं / भणइ सरीरं तुम्हं, किसं सरोगं च पेच्छामि // 48 // ता एहि मज्झ गेहे, विज्जु व इडेहिं एसणिज्जेहिं / पत्थोसएहिं किजइ, जेण चिकिच्छा लहु तुम्हं / / 49 // लुक्खो देहो तुम्हं घणरसपत्थोसहेहिं जं होही / सवंगपल्लविओ उवचियखन्धो सुहच्छाओ // 50 // आएसेण गुरुणं नयरीमज्झमि | सायरं नीओ / रना जुवरायारिसी विजाणं दंसिओ तयणु // 51 // तो नायनियाणेहिं विविहविहाणेहिं सबहुमाणेहिं / पुनरागतेगुरुणा सह | कण्डरिके नृपेण कृतो महामहोत्सवः कण्डरिकदेहचिकि त्सा च |कारिता। A5%25955 SALA // 261 //