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________________ // 255 // तेन प्पए तयणु / चालणिमेसावि करे धारइ हियए य नवकारं // 90 // सासूवि खिवइ सलिलं मंगलपूओवयारसोहिल्लं / सीलं व हाइ तीए निच्छिदं चालणीएवि // 91 // गयणमि समुच्छलिओ जं इइ सुभद्दा महासई एसा / पुप्फबरिसेण सद्धिं उग्धोसो || जलेनोदुन्दुहिसणाहो // 92 // तो जणियचमुक्कारो एइ नरिन्दोवि पउरपरिवारो / अग्घजलिं पयच्छइ महासईए सुभदाए // 93 // द्घाटितानि विनवा महाराया माया तं होसु नयरिलोयस्स | दुहियस्स सुहं दिन्ती उग्घाडिन्ती दुवाराई // 94 // उप्पायनिरोहेणं द्वाराणि भावियदोसेण कलुसिया नयरी / तुह सीलेण सुभद्दे ! ससिणा धवलिकया अहुणा // 95 / / तुमए जिणिन्दधम्मो एयमि महतीच जयंमि सरवरे भद्दे ! / कमलायरो महासइ ! वियासिओ सीलदिणमणिणा // 96 // पयडियसिवपुरसरणी जयसि तुम सील शासनसल्लईकरिणी। गुणरयणरासिधरणी जिणसासणकाणणे हरिणी // 97 // एवं थुणिज्जमाणा साणन्दनरिन्दजणसहस्सेहिं / प्रभावना पुवपओलिदुवारे नन्दीनाएण सा एइ // 98 // नाणप्पमुहतिगेणिव सिवपुरदारं व तयणु विमलेण / चालणिजलचुलु जाता। एहिं तिहिं सित्तं उघडइ दारं // 99 // गयणयले देवेहिं धरणियले माणवेहिं साणन्दं / अग्धंजलीसणाहो जयजयकारो कओ तीए // 10 // सबोवतावसमणो भवियणकुमुयाण रोहिणीरमणो / तेलोक्कदिनसम्मो कप्पडुमो जयउ जिणधम्मो | // 101 // जत्थेरिसी सईओ निच्चलसम्मत्तनिम्मलमईओ / देवकयपाडिहेरा सुसाविया संति गंभीरा // 102 // अन्तो बहिपि विमला जीवा मुत्ताहलं व जे हुन्ति / छिद्देवि ताव कहमवि गुणेहि परिपूरिए लोगे // 103 // हियए करेइ धरणं अहोनिसं एत्थ जह सुभदाए / देववियनग्याए महासईए महग्याए // 104 // उक्किट्ठसिंहनाए पइक्खणपसरन्तदुन्दुहिनिनाए। 8| एवं दक्षिणपच्छिमवारुग्घडणेवि संजाए // 105 // भणइ सुभद्दा अन्ना जा कावि महासई हवइ एत्थ // सा चेवोग्या- 18 // 255 // ॐCARROTARA
SR No.600402
Book TitleJayanti Charitram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMalayprabhsuri, Vijayakumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1950
Total Pages338
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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