________________ SEC56 जयन्तीप्रकरणवृतिः / 15 // 234 // गच्छइ धरणीयले तयणु // 16 / / सीओवयारमुच्छावहारसच्छं करेइ मुणिरायं / आरामिओऽरहट्ट मुत्तूण सिग्धमागम्म // 17 // जातिपुच्छइ य कीस भयवं? एसा मुच्छा समागया तुम्ह / तयहुत्तं भणइ मुणी मणमोहावेसओ भद्द ! // 18 // तुमए संगी- स्मरणेन याओ अद्धसिलोगाओ एस मह जाओ। अह पुण पढसु महायस ! तमुत्तरद्धं सिलोगस्स // 19 // तद्यथा-एषा नौ षष्टिका चक्रिणा जातिरन्योन्याम्यां वियुक्तयोः // एयं तु उत्तरद्धं सम्म सो सिक्खिऊण तुरमाणो / गच्छइ रायस्सन्ते पडिहारपवेसिओ सन्तो, श्लोकार्द्ध // 20 // पयपणयोऽणुनाओ निवपुरओ सावहाणअत्थाणे / रजद्धकंखिरी सो पढइ सिलोगं समग्गपि / / 21 / / सम्पुनसि- रचिते लोगेणं सयलकलामण्डलो वि दिप्पन्तो। तक्खणमागसेण व राया विगलज्जुई जाओ // 22 // सिंहासणाओ धरणीयलंमि तत्पूर्तीमीलंतलोयणो सहसा / गच्छइ मुच्छावसओ हहा किमेयंति ? जणरोले // 23 // हिमजलधाराहारावलीहिं चंदणरसाभिसेएण / कृता कयलीदलाइपवणप्पओगओ होइ सच्छमणो // 24 // आरामिओ वि हम्मइ जणेण हा दुढ ? किं ? तए पढियं / जस्स मुनिवरेण / वसेणं राया मुच्छाविहलंघलो जाओ // 25 // सो भणइ हम्ममाणो एस सिलोगो मुणिन्दवयणेण / संपुनो निवपुरओ पढिओ | संतोसहेउत्ति // 26 / / अह मह दुकम्मवसओ ससओ इव लउडजट्टिमुट्ठिहिं / अस्सि जणे वणे इव निदोसोवि हणिजामि // 27 // मुणिभत्तीकप्पलया मज्झ सिलोगद्धलाहपसवेण / दुकम्मपरिणईए कडुयफला चेव संजाया ||28|| अह परियण निवारह | राया आरामियंमि पहरन्तं / एसो ममोवयारी बन्धवसंजोगकारीत्ति // 29 // हक्कारिऊण सम्माणिऊण सवारिऊण आसन्ने / उचविद्रो सो पुदो रन्ना को एस वुत्तन्तो? // 30 // आरामिओ पयासइ सारयससिसोमसाहुवुत्तन्तं / वियसन्तकुवलयच्छो राया सरयस्सिरि पत्तो // 31 // सालि व पणयसिरया सामन्तमन्तिपुरलोया / पुच्छन्ति महारायं सामिय को ? इत्थ | // 234 // RECRECACACARE