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________________ CO बयन्ती वृतिः / लोइऊण आणाए / दुट्ठाणं सिट्ठाणं च, निग्गहाणुग्गहासत्तो // 98 // सद्दावसहवागरणछंददिबावहाणमणपसरो / सवत्थ सबकुसलो समरसहाबोवि सोममुहो // 99 // अवरावरदेसंतरसमागयाणं महत्थपुरिसाणं / दितो मणचमक्कारं साहंकारं इमं वयइ // 100 // किं ? नत्थि अम्ह रज्जे जमत्थि देसंतरे रायाणं / इय कहह मज्झं संपइ कारिजइ जेण तंपि इह // 101 // अह ते भणंति नरवर ! चित्तसहावजियं तुह समिद्धं / सवं एयं मणिमो चित्तसहावजियं रजं // 102 // आयसइ तओ सेणि चित्तगराणं सयाणिओ राया / चित्तसहं तह चित्तह चित्तयरी सावि जह होई // 103 // तत्तो विभागपुवं चित्तसहं चित्तयति चित्तयरा / साहियणं नरवइणो सञ्चाविजंतवावारं // 104 // चिट्ठइ जत्थ नरिंदो लद्धवरो तत्थ चित्तइ स चित्तों / जालंतरेण दिट्ठो मियावईचरणअंगुठो // 105 / / लिहिअं तीए रूवं देवीए तेण तो तहारूवं / मसिबिंद ऊरुम्मि य नयणुम्मीलणखणे जाओ // 106 // तो सो अवणिजइंतो तहडिओ चेव होइ पुणरुत्तं / तिलएणं होयवं उविक्खिओ तेण सो जेण // 107 // निवत्तियमि चित्ते पिच्छन्तो कोउगेण तत्थ निवो। देवीरूवं दहें हरिसवसोल्लसियरोमंचो // 108 // पिक्खिय पुण मसिबिंदु कोवानलजलणखेरुयायारं / चित्तगरस्स व सक्ख उदयगयं पावलेसं च // 109 // कालस्सऽहवा लोयणतारयमिव विप्फुरन्ततेइल्लं / ईसाविसवल्लीए कंदकुरविन्भमं सहसा // 110 // भणइ निवो चित्तयरो हतबो जेण इत्थ रूवम्मि / विहियमकजवंजणमंजणगुरुम्मि देवीए // 11 // तो चित्तयरस्सेणी उवट्ठिया सुट्ट कट्ठभरसल्ला / निस्सेणीआरोहे रायपासयंमि पासाए // 112 // कह सहसा अपसाओ! सामिय ! एयमि तुम्ह चित्तयरे / विणएणं पच्चक्खो जेण को सुरप्पिओ जक्खो // 113 // दोसोदयंमि सययं 1 शब्दापशब्द / 2 चित्रस्वभावार्जितं / 3 चित्रसभावर्जितं / 4 चित्रकरः / चित्रसभा| चित्रणे चित्रकर| पुत्रेण चित्रिते मृगावतीचित्रे नृपस्य जातोरोषः। *U // 10 //
SR No.600402
Book TitleJayanti Charitram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMalayprabhsuri, Vijayakumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1950
Total Pages338
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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