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________________ // 9 // अनं पत्थेसु ता बच्छ // 82 // वच्छो चेव सकरुणो सच्छाओ मज्झ ताव संतत्तं / जह निववेमि लोयं सरसं दिढि तहाचित्रकरखिवसु / / 83 / / चित्तगरदारगेणं, इइ वुत्ते भणइ जक्खराओवि / निबविओच्चिय लोओ तुह रक्खादक्ख पाणेण // 84 // अनं पुत्रचित्रिवरेसु पुत्तय ! इय वुत्तो भणई जस्स वत्थुस्स / अवि पिच्छिस्सं असं तं चित्तिसं तहा सत्वं // 85 // एवंति भणेऊणं खणेण तयक्षः जक्खो अदसणीभूओ। तुट्ठा सपुत्तथैरी अमियरसासारसित व // 86 // आणंदिओ नरिंदो सह नायरदेससेसविसएहिं / प्रसन्नो वरअहवा परकजरया लहंति एवं जसं सोक्खं // 87 // लहिऊणं उक्करिसं हरिसं दाऊण निवइलोयाणं / अइउम्माहेणेसो दापनं च। कोसंविं नयरीमह पत्तो // 88 // आणदियबंधुजणो बद्धावणयंमि अत्थि दिन्नधणो। तत्थेसो चित्तयरो सुहेण कालं गमइ पवरो // 89 // अह अन्नया कथाइ सयाणिओ विहियगोसकरणिजो / कयमंगलोवयारो राया अत्थाणमल्लीणो // 10 // कप्पूरागरुघणधूवधूमलहरीओ जत्थ नअंति / दसदिसि उक्तिसहरिससिरीण चलअलयपंतीओ // 91 // चीणंसुयपढेंसुयवियाणलम्बतमोत्तियसरिओ। जम्मन्तरसमुवज्जियसुकयखीरोयवीईओ व // 92 // मणिकट्टिमंमि जमि य, पडिबिंबमिसेण परिकरसणाहं / धरणी धरेइ हियए नयवंत नरवरं मन्ने // 93 // तत्थ ससिकंतनिम्मियरम्मयसिंहासणमि आरूढो। सियवत्थकुसुमचंदणविलेवहारावलीकलिओ // 94 // सुरसरिपवाहनिग्गमसोहिअहिमवंतसेलसोहग्गो / धरियधवलायवतो राया चलचमरचिंचइयो // 95 // अमयं व पज्झरन्तो राया पगरेइ रजकजाई / उक्कोसियाइं सुपइट्ठियाइं कुमुयाण व वणाई // 16 // उवचियदलंमि एसो सत्तङ्गापयद्वियंमि रजंमि / गयकलहे मयरहिए दाणं पयडेइ चुजमिणं // 97 // मंतीणं मंतेसुवि मंडलमा१ केश / 2 शोभितः / 3 पक्षे चन्द्रमाः। // 9 //
SR No.600402
Book TitleJayanti Charitram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMalayprabhsuri, Vijayakumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1950
Total Pages338
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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