________________ ललियंगा // 12 // इय संलावे एगमि वासरे ताण तिन्हतणयाण / पारसकूले गमण होइ धणोवजणाहेउ // 13 // स्वदारसजयन्ती- भवियत्वयावसेणं वेसावस्साण ताण जणणीण / वुच्छा गेहेसु मणिमयभूसणरमणीयसिंगारा // 14 // किं पुण जिण- न्तोषी जिप्रकरण दत्तसुओ परदारपरन्मुहो महासत्तो। धणीयमवियारचित्तो न होइ विसएसु आसत्तो // 15 // तो बुद्धिमई एसा वेसा नदत्तपुत्रः, प्रतिः / चिन्तेइ विम्हयवसेण / तारून्ने लावन्ने सन्तो दन्तो कहं एसो 1 // 16 / / किं ? सुगुरूणं निम्मलगुणमणिरोहणगिरीण द इतरयोर्जातं सविहंमि / लद्धं विवेयरयणं तेण हयं मोहसंतमसं // 17 // तो मियमहुरगिराए पुच्छइ इय चिन्तिऊण बुद्धिमई / तुझे मातगमन॥१६ // कओ पुराओ इहागया कहइ मह देव! // 18 // अम्हे तिन्नि वि मित्चा गिरिनयरनिवासिणो वणियपुत्ता। बालत्ते महत्पापम् / तेणेहिं हरियाओ अम्ह जणणीओ // 19 // इय भणिए तेण सा भणइ इमे तिन्नि किं तर्हि वणिणो / जिणदत्तो पियमित्तो धणदत्तो सोम! निवसन्ति ? // 20 // तेणोचं किं कजं? तुम्हाणं तेहिं दूरवासीहिं / तीए वुत्तं अम्हं ते पइणो हुन्ति तिन्हंपि // 21 // संभंतेणं तेणं भणियं तो खाइ मज्झ जिणदत्तो। जणओति तओ एसा रोवइ कण्ठमि घेत्तूण // 22 // हा पुत्त पुत्त वच्छल ! कह मह एसा दसा दरोत्तारा / तइलोयकुच्छणिजा जाया पावाणुभावेण // 23 / / एवंचिय सलहिजह पुत्तय ! इह मह अमग्गपडियाए / दइवेणवि नडियाए जमणायारो न संजाओ // 24 // ता सिग्धं गच्छ तुम इमं वइस्साण कहसु निम्मन्तं / जे ते दुक्कम्मवसओ वुच्छा जणणीण गेहेसु // 25 // तो माइवयणओ सो तुरियं गन्तूण ताण तं कहह / तेवि य नाऊणेवं सुइरं निन्दन्ति अप्पाण // 26 // जणणीगमणकलंकियदेहाणं अम्ह कह हविज इह सुर्छि / IJ तित्थेण व दाणेण व तवेण विणएण किं गुरूणा // 27 // धनो जिणदत्तसुओ सदारसन्तोसजाणवत्तेण / वसणसमुद्दो M // 16 // History