________________ 99 // संचिन्तिऊण एवं आगंतूर्ण पुरम्मि सो कुमरो / रायपहे तो मुच्छातरंगियं गायइ विचित्तं // 37 // विविहप्पओगमंदरमहिए | पाटलीपुत्रं विनाणअन्नवे तेण / अमिएण व गीएणं अणिमिसनयणो जणो जाओ // 38 // नयरजणाओ वि सुओ रना रसिएण सो गत्वा गीतसमाहूओ / जवणिन्तरओ गायइ तहा जहा तुंबरो सग्गे // 39 // तो रंजिएण रण्णा वरं वरेसुत्ति सायरं भणिओ / पत्थइ | रंजितनृपकागिणिमित्तं तओ पुणो राइणा भणिओ॥४०॥ किं भो तुच्छं मग्गसि ? मए पसन्ने जहिच्छियं दिते / कप्पदुमम्मिवि * पार्श्वे कुणापत्ते न हवइ संकप्पियं किन्नु ? // 41 // पत्थेमि देव रजस्स कागिणिं सा न होइ तुच्छेत्ति / कोडीए किल लोए गरुय च्चिय मालेनयाचिकागिणी सिद्धा // 42 // इय वुत्ते भणइ निवो तुज्झ कहं रजकागिणी उचिया ? / उचियत्तचूयकुसुमे छइल्लफुल्लंधुया रसिया दते राज्ये // 43 // रायकलं तं जाणसि तिवपहाविरहियाण जं हाणी / होइ तओ तणुयत्ते अणुसरणं सूरपायाणं // 44 // रायत्तेवि हु नृपस्य स्वपत्ते ससंकहिययाण मंदतेयाण / नक्खत्तपरिगयाण य दोसाकरया फुडं होइ // 45 // बलिनिग्गहोवि हरिणा पुराकओ पुत्रस्मरणं कमवियारिणा जमिह / तो भमरोवि सपक्खो न लहइ रहमकमारुढो // 46 // एवं सुजुत्तिजुत्तं पन्नविओ एस रायणा जातम् / अंधो / विनवइ देव! एवं किंतु पसाएण निसुणेह / / 47 // देवकमासनो तुह रजं तेण सामि! इच्छामि / एवं जाणावेउं कुमरो इय गीयई पढइ // 48 // चंदगुत्तपपुत्तो उ बिंदुसारस्स नत्तुओ / असोगसिरिणो पुत्तो अंधो जायइ कागिणिं // 49 // सुणिऊणमिमं गीयं सुमरइ नियपुत्तपुववुत्ततं / जह एयस्स विइन्ना उजेणी कुमरभुत्तीए // 50 // तो अन्नदिणे लेहे पाइयभासाए जं मए लिहियं / एसो अहुणा सम्म झत्ति अधीयउ कुमारोत्ति // 51 // अणिकाइंमि लेहे | सवत्तिजणणीकए अणुस्सारे / अंधीयउत्ति जाए अम्हाणं अणुवउत्ताणं // 52 // उज्जेणिगए लेहे कारणपुरिसाण दुक्खसंदोहे / // 99