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________________ +515 // 97 // खंडंमि / आसि पुरी कोसंबी सग्गसमे वच्छदेसम्मि // 3 // अपडिबद्धविहारा तीए निरवजपरिसरुजाणे / अजसुहत्थि- मुनीन् - भिहाणा समोसढा अन्नया गुरुणो // 4 // दुभिक्खम्मि दुरंते दमगो एगो परिभमंतोऽवि / दुहिओ तत्थ न भत्तं पज टवा प्रशंपावए कहवि // 5 // अनम्मि दिणे ईसरघरम्मि साहूण जुयलयं दिदं / पविसंतं तेण तओ पेच्छइ दारम्मि चिठंतो // 6 // सापूर्वकतो खजभोजवंजणरसेहिं विविहेहिं तत्थ दहणं / साहणं पडिलाहणमचन्भुयमत्तिसंजुत्तं // 7 // धन्ना एए मुणिणो जं. मन्नयाचना भिक्खंतावि इन्भलोएण / आयरपरेण निचं पडिलाहिजंति दुभिक्खे // 8 // एएसिं चिय जम्मो सलाहणिज्जो इमेसि रोरस्य / धम्मो य / कप्पदुमो इव कप्पियफलप्पयाणेक्कदुल्ललिओ // 9 // एए चिय मुणिवसहा धम्मधुराभारधरणधोरेया / जं ईसरगुरुमाणं लहंति सुगईए गच्छंता // 10 // इइ सुहचिंतापगरिससरहसचित्तस्स तस्स ते मुणिणो / जंति गुरुणो पासे सदयं अब्भस्थिया तेण // 11 // तहाहि-संसारम्मि अरने उवसमआसमपयम्मि तह करुणं / आरोवति मुणी जह जियाण तावं हरइ निच्चं // 12 // ता देव देह दमगस्स मज्झ तुम्भे दयालुया अन्नं / पञ्जतं अन्नत्थवि लहंति तुम्हारिसा जेणं // 13 // धवलद्धपइठेहिं मुणीहि आसाण साहणं होइ / लोएवि इय पसिद्धी सा मह आसं पयासेह // 14 // अन्मथिएहिं किज्जइ रुईए परिपूरणेण आसाणं / उज्जोओ निचं चिय पयडमिणं सूरसोमेहिं // 15 // संतोसमंदिराणं मुणिंद ! पोसेइ तुम्ह दिढभावं / एसा छुहा पुणोऽम्हं दुक्खाणं देह दंदोलि // 16 // इइ जंपत रोरं पिढिविलग्गं भणति मुणिचंदा / अम्ह गुरूणं आणा आणेयवंत्ति कहं ? देमो // 17 // एवं वोत्तो दमगो गच्छइ आसापिसाइयापत्थो / जंगमकप्पतरूणं गुरूण तो पायमूलम्मि // 18 // सुहए तेसिं दंसणपहम्मि दमगस्स तस्स पत्तस्स | अन्मस्थगामणोरहरहा पयट्टंति सविसेसं // 19 // तथाहि // 9 CAREKARK
SR No.600402
Book TitleJayanti Charitram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMalayprabhsuri, Vijayakumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1950
Total Pages338
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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