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________________ BARABAR प्रस्तावना. मा मणिपति चरित्रना कर्ता श्रीजम्बूकविना देशकाळादि तथा जीवन संबन्धी कांड पण हकीकत मळी शकी नथी. परन्तु तेमणे रचेला जिनशतककाव्य उपर संवत् 1025 मां साम्बमुनिए एक टीका रची छे, तेनी प्रशस्तिमा तेमणे जम्बूकविने चन्द्रगच्छमां थयेला छे तेम जणाव्यु के भने तेमनी विद्वत्ता प्रतिभा अने कविताना वखाण करेला छे. "जम्बूर्नाम गुरुगुरूत्तमगुणोऽभृश्चन्द्रगच्छान्वयो, विद्वत्संसदि लब्धगौरवपदः साधुक्रियासूद्यतः / किंवा सस्य निगद्यते मतिगुणो यस्येदृशी निर्गता, मुश्लिष्टा पदसंधिभिः सुघटितैः स्पष्टाक्षराली मुखात् // " "शरदां सपञ्चविंशे शतदशके स्वातिमे च रविवारे / विवरणमिदं समाप्तं वैशाखसितत्रयोदश्याम् // " (जिनशतकटीकाप्रशस्ति) आ उपरथी जणाय छे के श्रीजम्बूकषि विक्रमसंवत् 1.25 पहेला विद्यमान हता. हट्रिपनिकामां नीचेनो उल्लेख छ“ मुनिपतिचरित्र 1005 वर्षे जम्बूनागकृतं 3200 उधृ० 2700" / जम्बूनाग अने जम्बूकवि एक होवा संभवित छे. केमके जम्बूनागर्नु टुंकुं नाम जम्बू थइ शके. हजी आ बाबत सिद्ध करवाने स्पष्ट अने वृढप्रमाणनी जरुर छे. मुनिपतिचरित्र ते आज 'मणिपतिचरित्र', ते तेमणे मोटा चरित्र परथी उधृत करेलं होय तेम जाणी शकाय छे. १चन्द्रगच्छमां जम्बूनामे उचमगुणवाळा गुरु थया. तेमणे विद्वानोनी सभामां गौरव प्राप्त कर्यु हतु, तेमज तेओ साधुनी सामाचारीमा तत्पर हता, तेमनी प्रतिभाना शुं वखाण करीप, के जेना मुखथी पद अने संधिनी योजनामा संकविता बहार पडी. 2 संवत् 1025 वैशाख सुदि 13 स्वातिनक्षत्र अने रविवारे आ विवरण समाप्त कयु.
SR No.600401
Book TitleManipati Rajarshi Charitam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambukavi, Bhagwandas Pt
PublisherHemchandra Granthmala
Publication Year1922
Total Pages164
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size11 MB
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