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________________ मणिपति RECE काह अE-SHAR ततस्तनिश्चयं यद्ध्वा रागान्धाऽसौ निहत्य तम् / कुक्कुट रन्धयामास निजकान्तार्थमादरात् // 1375 // 4 चरित्रम. अत्रान्तरे समायात-स्तस्याः पुत्रो बुभुक्षितः। पठित्वा लेखशालातो दैवयोगेन सत्वरम् // 1376 // तेनोक्तं रुदता मेऽम्ब ! भोजनं देहि किञ्चन / तयोक्तं पुत्र ! नाद्यापि किनिद्राध्यति तादृशम् // 1377 // ततो लुठनसो भूम्यां याचमानो मुहर्मुहुः / आरेभे रोदितुं तस्या-मददत्या स्वमातरि // 1378 // अथालोक्य रुदन्तं तं पुत्रस्नेहेन सा ददौ / राध्यमानात्ततो मांसात् कृष्ट्वा कुक्कुटमस्तकम् // 1379 // इदं भक्षय पुत्र ! त्वं तावद्यावत् प्रसिध्यति / अन्यद्भोजनमित्येवं ब्रुवाणा मृदुभाषिणी // 1380 // ततस्तद्भक्षयन् भूयो लेखशालामसौ ययौ / सुसंतोषो हि बालः स्यात् प्रायः सश्रुतिकः स्फुटम् / / अथ क्षणाद् बटुः प्राप्तः किं तत्सिद्ध नवेशम् / भाषमाणस्तयाप्यूचे सिद्धं भुश्चेति संभ्रमात् / / 1382 // ततस्तद्वचनाद् हृष्टः उपविष्टो बटुः पटुः / भक्षितेऽत्र भविष्यामि राजाऽहमिति चेतसा // 1383 // तयाऽपि कौक्कुटं मांसं तत्तस्मै परमामुदा / व्यतीर्याग्रतः पाञ्यां कृत्वा गोमयमण्डलम् // 1384 // तत्राऽसौ तच्छिरोऽपश्यन् मूढो वज्रामभाषताक्व प्रियेऽस्य शिरो जातं कुक्कुटस्य निवेद्यताम् // 1385 / / तयोक्तं किमसारेण तेन तच्छिरसा तव / यत्रेषदपि भक्ष्यं नो विद्यते जीवितेश्वर // 1386 / बटुनाऽवाचि तेनोच्चै-मम भद्रे ! प्रयोजनम् / तयोक्तं तन्मया दत्तं क्षुत्क्षामाय स्वसूनवे // 1387 // AE
SR No.600401
Book TitleManipati Rajarshi Charitam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambukavi, Bhagwandas Pt
PublisherHemchandra Granthmala
Publication Year1922
Total Pages164
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size11 MB
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