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________________ श्रीअमम जिनचरित्रम् // 250 // साधिका खेचरीमिव // 18 // दृष्ट्वा तमःकपाटनीं सतां भानुप्रभामिव / कोकवन्मुदितो नत्वोपाविशद्भुवि विस्मितः // 19 // पूजा * समाप्य साऽप्येनं स्वागतप्रश्नपूर्वकम् / संभाष्याजिज्ञपद्धर्ममार्हतं धीरया गिरा // 20 // केचित्तदा तदासन्नवनस्थास्तापसा द्रुतम् / गानेनेव मृगास्तत्र तवानेन समाययुः // 21 // तेषूत्कणेषु शृण्वत्सु सार्थेशः शुद्धबोधभाक् / दवदंती गुरुकृत्य प्रपेदे धर्ममार्हतम् गुफानिवा॥२२॥ तस्याः शीलश्रिया वाचा निर्जिता व्योमजाह्नवी / हियेवानांतरे भूमौ मेघांभच्छानाऽपतत् // 23 // धाराधरेण धाराभिस्ता प्रतिबोधिड्यमानांश्च तापसान् / प्रणश्यतः सचीत्कारं शूकरानिव साऽवदत् // 24 // हो माभैष्ट माभैष्ट कष्टादस्मादहं हि वः। रक्षिष्यामीत्यु ताःतापसाः | दित्वा तानेकत्र स्थातुमादिशत् // 25 // युग्मम् // तेषां च परिधौ कृत्वा कुंडं तइंडरेखया / खशैलदैवतस्येव कुंडकं सेत्यवोचत // 26 // सती यद्यस्मि चैजैनशासनेऽस्मि दृढा रुजुः / वारिदा वारि वर्षन्तु तदस्मात्कुंडकादहिः // 27 // अचिन्त्यशक्तितस्तस्याः प्रभावात्तत्र कुंडके / नावर्षद् वारिदः सत्यः सत्याज्ञा एव शीलतः // 28 // तदाज्ञासाध्वसात्त्रस्तैरिवाथाब्दैः पलायितम् / चिक्षिपे गहरेष्वंबु तन्मि| त्रेणापि भूभृता // 29 // तद्दृष्ट्वा सशिरःकंपं दध्युः सार्थेशतापसाः / इयं देवी ध्रुवं नेदृक् शक्तिः स्यान्मानुषी क्वचित् // 30 // वसंत| देवः सार्थेशो नत्वा पप्रच्छ भीमजाम् / त्वयाऽयं पूज्यते देवि देवः को नाम नामतः 1 // 31 // भैम्याख्यद्भगवानेष श्रीशान्तिर्विश्वशान्तिकृत् / पोडशार्हन् भक्तिनम्रकल्पशाखी मयाऽर्च्यते // 32 // उपद्रवकृतो देहभाजामस्य प्रभावतः। अत्र व्याघ्रादयोऽमुत्र रागाद्याः प्रभवन्ति न // 33 // अस्याज्ञाऽऽराधनादाज्ञासिद्धाः स्युभक्तिकारिणः / अन्यथा मे कुतः शक्तिः स्त्रिया मेघाम्बुवारणे // 34 // यद्वाऽत्यल्पमिदं देवस्यास्य मत्यैः प्रसादतः / भूर्भुवःस्वःशिवस्वाम्यं काम्यं संप्राप्यते सुखम् // 35 // तत्त्वोपदेशपीयपगंडूपै. // 250 // स्तापसास्तया / दोषज्ञया व्यामोच्यन्त तत्वावादेष्वरोचकम् // 36 // अश्मखंडमिव प्रोज्झ्य स्वधर्म ते मुदा तदा / रत्नवजगृहुजैन
SR No.600399
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1942
Total Pages306
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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