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________________ // 24 // कुण्डिनं प्रति गमने मार्गे भिल्लै| हृतो रथः // 52 // काननं सदनं तन्मे द्रुमाः कल्पद्रुमाश्च ते / पादैर्यत्राऽऽर्यपुत्रस्य प्रसादः क्रियते स्वयम् // 53 // विसृज्येत्युक्तिभिर्लोकं स्वेष्टं KA दृष्टमुखी ततः / भैमी प्रवासमावासमिव भ; सहाश्रयत् // 54 // दवदंती नलोऽपृच्छद्यामि केनाध्वना प्रिये ! / पर्यालोच्याऽधुना देवि! त्वमेवात्रासि मंत्रिवत // 55 // पदोलगित्वा साप्यूचे प्रेयांसं प्रियवागिति / पदपझैः कुरु स्वामिन् ! मंडनं कुंडिनश्रियः॥५६॥ नलोऽपि तत्र तां मोक्तुमुत्कः कष्टनिवृत्तये / प्रपद्य तद्वचः सूतमादिशत् कुंडिन प्रति // 57 // प्रेयसी वल्लभेनेव त्यक्ताऽभूत्कोशलापुरी / नलेन प्राणभृतेन मृच्छितेव मृतेव च // 58 // सिंहमिन्नेभकुंमेभ्यः सस्तै रक्ताक्तमौक्तिकैः / जाता बदरेच्छा यस्यां यमराजस्य पूर्यते // 59 / / यस्यां महीभृतोऽप्युञ्चाघव्यालोरगादिभिः / यमसैन्यरिवाक्रांताः प्ररुदन्त्युज्झरच्छलात् // 60 // नलस्तामटवीं प्राप्तः | स्फुटैर्यमभटैरिव / श्यामलै हलै रुद्धः कालरात्रेरिवांगजैः // 61 // त्रिभिर्वि०॥ अलं कोलाहलं कृत्वा गर्जातर्जामिवांबुदाः। पाषाण| गोलैस्ते वृष्टिं चक्रिरे करकैरिव // 62 // रथादथावतीर्याऽऽशु नलः कृष्णासिनतनैः / प्रतिभिल्ल भुजंगास्त्राणीव व्यापारयद् भृशम | // 63 / / त्यक्त्वा रथं भीमजाऽपि प्रियं धृत्वा करेऽवदत् / क एषु तव संरंभः सारे राजिलेष्विव // 64 // राज्ञां किरीटकोटिषु किंच यो व्यापृतः पुरा / लजिष्यते कृपाणस्ते स एतेषु पशुष्विव // 65 // नन्वस्मि भीमजा पत्तिस्तत्संप्रत्यहमेव ते / मयैतान् शिक्ष्यमाणांस्त्वं पश्य पृष्ठस्थितः प्रभो // 66 // स्वशीलमंत्रसंस्कारान् हुंकारान्मांत्रिकीव सा / मुमोच तत्प्रभावाच्च भिल्लाः प्रेता इवानशन् // 67 // तेषां च पृष्ठतो धावमानयोरेतयोः स्वयम् / जई रथं परैम्लेंच्छैः सूतं कृत्वा यमातिथिम् // 68 // तौ दध्यतुरहो आवां प्रति वाम्ये ऽतिनैपुणं / विधातुर्यद्रथोऽप्येवं पथि म्लेच्छैरहार्यत / / 69 / / संवाह्यमाना पानीयं पाय्यमाना पदे पदे। वीज्यमाना पटान्तेनाश्वास्य* मानाऽनुयायिना // 70 // मुहुः प्रतिद्रुमच्छायं विश्राभ्यंती श्रमाकुला / वने शैशववड्रैमी पादचारमशिक्षत // 7 // युग्मम् // नलो | // 241 //
SR No.600399
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1942
Total Pages306
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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