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________________ // 213 // राजभुवन वीक्षा जिनीम् // 20 // सम्यग्दृष्टिर्महात्मायं मित्रीयन मामुपारुधत् / मान्यश्चेन्द्रस्य यत्तस्मानापमान्यो मयाधुना // 21 // विमृश्येत्युररीचक्रे तामाज्ञां स निधीशितुः / परार्थबद्धकक्षाणां स्वार्थापेक्षा व तादृशाम् ? // 22 / / युग्मम् / / उत्थाय गत्वा स्वावासं शौरिर्नेपथ्यवन्नटः / प्राग्वेषं दिव्यमुज्झिखाऽऽददे दूतोचितं नवम् // 23 // अहीनवेपमप्येनं हीनवेपं निधीश्वरः। वीक्ष्य व्रजन्तमप्राक्षीत् किं दवं व्यधा इति ? // 24 // गुणो ह्याडंबरेणैव व्यक्तः स्थान्महतामपि / देशाधिपत्यं निखाननिर्घोषेणैव भूभृताम् // 25 // जगाद | वृष्णिमः श्रीदं श्रीदोह्याडंबरः परः / नराणामन्यदा दृत्ये त्वेको वाचां स चास्ति मे // 26 // चमत्कृतस्तदौचित्यचातुर्याभ्यां धना|धिपः / साधयेत्यादिशत्तं सोऽप्यगाद्राज्ञो गृहांगणम् // 27 // चतुरंगबलैरुद्धमपि भूपालमंदिरम् / केनाप्यलक्षितोऽविक्षजीवो गर्भ| मिवाथ सः // 28 // सोऽगाच्च प्रथमं तस्य कक्षांतरमनन्तरः / नीलरत्नैः कृतं मुक्तांचितं व्योमेव सोडुपम् // 29 // स तत्र दिव्याका| राणां ताराणामिव योषिताम् / वृदं ददर्श सवयोरुपं सिद्ध इवोद्धतः॥३०॥ द्वैतीयकं ततः कक्षांतरं सोऽगाद्विमानवत् / सरत्नशालिभंजीकस्वर्णस्तंभमनोहरम् // 31 // इन्द्रलोक इवास्तोकस्त्रैणवक्त्रंदुविभ्रमैः / मनोहरे ययौ कक्षांतरे सोऽथ तृतीयके // 32 // तुर्यकक्षांतरेऽथागाजलकान्तोरुकुट्टिमम् / सरोवरभ्रमाश्रान्तक्रीडन्निबीडबालिकाम् // 33 // सोऽथागात्पश्चमं कक्षान्तरं यत्राब्धिना ध्रुवम् / न्यासीचक्रेऽप्सरोरत्नगणः स्त्रीरत्नकैतवात् // 34 / / षष्ठे कक्षान्तरे प्राप्तः पद्मद्रह इवापरे / स पद्मकुट्टिम नानारत्ननिर्मितमैक्षत // 35 // दिव्यांगरागालंकारवस्त्राः श्रीदेवताकृतीः। संगीतककरी रीस्तत्र चेक्षांबभूव सः॥३६॥ स गतः सप्तमे कक्षान्तरे कर्केतनैनः। | बद्धभूमौ लौहिताक्षस्तंभे स्वर्ग इवापरे // 37 // कल्पवृक्षानुदैक्षिष्ट स्वर्णरत्नविनिर्मितान् / निर्दम्भान् पूर्णकुम्भांश्च मौक्तिकस्रग्वि| भूषणान् / / 38 // गोष्ठी भापासु दक्षाणां चतुःपष्टीकलाविदाम् / विदुषीणामिवाऽश्रीपीद्वेत्रिणीनां च स क्षणम् // 39 // त्रिभिर्वि०॥ // 213 //
SR No.600399
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1942
Total Pages306
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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