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________________ श्रीअमम जिन चरित्र // 12 // अनुक्रमणिका वद्राज्यकरणं निषधदेवसूचिते दीक्षासमये नलभैम्योः / अतिमुक्तमुनिमुखाद शाते स्वरूपे कंसस्य देवकीसप्त दीक्षास्वीकारः 273 गर्भयाचनायाः सरलवसुदेवकृतस्वीकारः 112 चलिते नलमुनौ निषधदेवकृतप्रतिबोधः 277 119 आराधित नैगमेषिणा देवकीषड्गर्भा सुलसाय दत्तेति 113 स्वयंवरे रोहिण्या पाटहिकीभूतवसुदेवे वृते युद्धे निरूपणम् जाते जरासन्धाशया समुद्रविजयस्योत्थाने दुन्दुना गंगदत्तजीवकृष्णस्य जन्म-तद्रक्षणाय देवकीवचनं स्वस्वरूपे ज्ञापिते द्वयोर्मिलने सर्वेषां जातो हर्षः 278 वसुदेवस्य नन्दगोकुले मोचनक्रिया 114 वसुदेवस्य सर्वस्त्रीभिः सह शौर्यपुरागमने प्रवेशो 121 मासे गते गोपूजानिमित्तेन कृष्णदर्शनाय गोकुले देवकीगमनम् च्छवः रोहिण्युदराद् राजललितजीवस्य बलदेवत्वेन जन्म रामाभिधानकरणं च 281 122 बालत्वे कृष्णविनाशितशकुनिपूतनार्जुननिरूपणं दामोदरनामकारणदर्शनं च 115 नारदोत्पत्तिवर्णनम् 283 123 कृष्णरक्षणाय गोकुले प्रेषितो वसुदेवेन राम इति 116 कंसप्रार्थनया मथुरागमने वसुदेवस्य देवकीपरिणयनार्थ दर्शनम् कंसकृतप्रेरणा 284 | 124 गोकुले गोपीभिस्सह क्रीडा कृष्णस्येति निरूपणम् 117 देवकीपरिणयनम् 285 | 125 षष्ठसर्ग समाप्तिः // 12 //
SR No.600399
Book TitleBhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuniratnasuri, Vijaykumudsuri
PublisherManivijay Ganivar Granthmala
Publication Year1942
Total Pages306
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size28 MB
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