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________________ अभिप्राय यह है कि समपाद और अंजलिपुट ये एक मुहूर्त से लेकर तीन मुहूर्ततकका जो भोजनका समय बताया है उस सपके विशेषण नहीं किंतु मुनिके भोजनके विशेषण हैं। अतएव तीन मुहूर्तके भीतर जब जब भी वे भोजन करें तब तब ही उनको समपाद और अंजलिपुट के द्वारा ही भोजन करना चाहिये, ऐसा आप समझना । यदि ऐसा न माना जायगा और उनको- समपाद और अंजलिपुटको समयका ही विशेषण माना जायगा तो हस्त प्रक्षालन करनेपर भी उस समय जो जानूपरिव्यतिक्रम नामका अन्तराय बताया है सो । नहीं बन सकता। इसी प्रकार नामेरघोनिर्गमन अन्तसय जो बताया है वह भी नहीं बन सकता । इससे मालुम होता है कि तीन मुहर्तका जो समय बताया है उसमें एक जगह भोजन क्रियाका प्रारम्भ करके किसी कारणसे हाथोंको धोने के बाद मौन पूर्वक दूसरी जगह भोजनकेलिये जा सकते हैं। यदि वह अन्तराय एक स्थानपर भोजन करते हुएके होता है ऐसा माना जायगा तो अन्तरायका जानू गरियति कम यह विशेषण देना निरर्थक ही हो जायगा। उसकी नगह ऐसा ही फिर विशेषण देना चाहिये कि यदि बरावरमें रखे हुए पैर रंचमात्र मी चलायमान हो जायगे तो अंतराय हो जायगा। इसी प्रकार नाभरघोनिर्गमन नामका अंतराय भी दूरहीसे कैसे संभव हो सकता है ? नहीं बन सकता । अत एव अन्तरायको बचाने के लिये उसका ग्रहण करना भी निरर्थकही ठहरेगा। इसी प्रकार पैरसे कोई चीज ग्रहण करनेमें आजाय तो वह अंतराय माना है सो वह भी कैसे बनगा । इत्पादि अंतरायोंके स्वरूपको बतानेवाले अनेक सूत्र निरर्थक ही ठहरेंगे। इसी तरह यदि भोजन क्रिया प्रारम्म करनेके बाद अंजलिपुटका भेद होना न माना जायगा तो हायसे किसी वस्तुका ग्रहण होना जो अंतगय माना है या नहीं बन सकता । उसके स्थानपर ऐसा ही फिर कहना चाहिये कि कोई वस्तु ग्रहण करनेमें आवे या न आवे यदि अंजलिपुटका मेद होजाय तो अंतराय समझना चाहिये । इसी प्रकार जान्वधःपरामर्श नामका अन्तराय भी नहीं बन सकता । और भी अनेक अन्तराय इसी तरह नहीं बन सकते, यदि समपाद और अंजलिपुटको एकदो तीन महूतेप्रमाण भोजनके कालका विशेषण माना जाय । अत एव यह स्पष्ट है कि ये दोनों ही भोजनके विशेषण हैं न कि कालके । भावार्थ-यह पात पहले बता चुके हैं कि प्रायः करके अंतराय सिद्धमक्तिके अनंतर ही हुआ करते हैं। बध्याय
SR No.600388
Book TitleAnagar Dharmamrut
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshadhar Pt Khoobchand Pt
PublisherNatharang Gandhi
Publication Year
Total Pages950
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size29 MB
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