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________________ श्रीसूत्रकृताङ्ग चूर्णिः ॥ ४५४॥ टीकाकार पू.आ. मलयगिरिजी चू.पू. जिनदासगणि, टी.पू. हरिभद्रसूरि सं.पू. तत्त्वानंद वि.म. सं.पू. तत्त्वानंद वि.म. ग्रन्थ नन्दीसूत्रम् नन्दीसूत्रम् (चूर्णि:) नन्दीसूत्रम् (मूलम्) नमस्कारस्वाध्यायः (प्राकृत) नमस्कारस्वाध्याय: (संस्कृत) नयरहस्यम् मार्गपरिशुद्धिः नयोपदेशः निरयावलिका नेमिनिर्वाणः न्यायप्रवेशः न्यायालोकः पंचवस्तुकप्रकरणम् मूलकर्ता श्री देववाचकगणि श्री देववाचकगणि श्री देववाचकगणि पूर्वाचार्यो पूर्वाचार्यो महो. यशोविजय म. महो. यशोविजय म. स्थविर भगवन्त कवि वाग्भट्ट बौद्धाचार्य दिङ्नाग महो. यशोविजयजी म. श्री हरिभद्रसूरि स्वोपज्ञ पू. चन्द्रसूरीश्वरजी सं. काशीनाथ शर्मा, शिवदत्त शर्मा पू.आ. हरिभद्रसूरीश्वरजी म. ॥ ४५४॥ स्वोपज्ञ
SR No.600363
Book TitleSuyagadang Suttam Part 02
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year2013
Total Pages480
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_sutrakritang
File Size26 MB
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