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________________ श्रीसूत्रकृताङ्ग चूर्णि: ॥ ४४२॥ |५१) श्री गोवालीया टेंक जैन संघ मुंबइ. (प्रेरक : पू. गणिवर्यश्री कल्याणबोधि विजयजी म.सा.) ५२) श्री विमलनाथ जैन देरासर आराधक संघ, बाणगंगा, मुंबइ. ५३) श्री वाडिलाल साराभाइ देरासर ट्रस्ट प्रार्थना समाज, मुंबई (प्रेरक : मुनिराजश्री राजपालविजयजी तथा पंन्यास श्रीअक्षयबोधिविजयजी गणिवर.) ५४) श्री प्रिन्सेस स्ट्रीट, लुहारचाल जैन संघ. (प्रेरकः पू. गणिवर्यश्री कल्याणबोधि विजयजी म.सा.) | ५५) श्री धर्मशांति चेरीटेबल ट्रस्ट, कांदिवली (ईस्ट), मुंबई. (प्रेरक-मुनिराजश्री राजपालविजयजी तथा पं.श्री अक्षयबोधिविजयजी गणिवर) ५६) सा. श्री सूर्ययशाश्रीजी तथा सा. श्री सुशीलयशाश्रीजीना पार्ला (ई) कृष्णकुंजमां थयेल चोमासानी आवकमांथी. |५७) श्री प्रेमवर्धक देवास श्वे. मूर्तिपूजक जैन संघ, देवास, अमदावाद (प्रेरक-पू.आचार्यश्री हेमचंद्रसूरिजी म.सा. तथा पू. मुनिराजश्री कल्याणबोधिविजयजी म.) |५८) श्री पार्श्वनाथ जैन संघ, समारोड, वडोदरा (प्रेरक-पंन्यासप्रवर श्री कल्याणबोधि विजयजी गणिवर्य) ५९) श्री मुनिसुव्रतस्वामी जैन देरासर ट्रस्ट-कोल्हापुर (प्रेरक-पू.मुनिराजश्री प्रेमसुंदरविजयजी म.) ॥४४२ ॥
SR No.600363
Book TitleSuyagadang Suttam Part 02
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year2013
Total Pages480
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_sutrakritang
File Size26 MB
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