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________________ ॥ श्रुत भक्ति || विक्रम संवत २०७१ ज्येष्ठ शुक्ला १३ दिनांक 31.05.2015 रविवार के दिन अहमदाबाद (राजनगर) में दिल्ली के उद्योगपति मंडार निवासी संघवी भंवरलालजी रुगनाथमलजी दोशी, की ऐतिहासिक दीक्षा का आयोजन अहमदाबाद एज्युकेशनल ग्राउंड में निर्मित विशाल संयम जहाज में हुआ । इस प्रसंग पर ४१ आचार्य भगवंत, १५०० से अधिक साधु-साध्वीजी भगवंत तथा १ लाख से अधिक श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति थी। नूतन दीक्षित मुनि श्री भव्यरत्न विजयजी म.सा. प.पू.त्रिशताधिक दीक्षा दानेश्वरी आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय गुणरत्नसूरीश्वरजी म.सा. के १०८ वे शिष्य घोषित किये गये। प.प.आ.श्री गणरत्नसरीश्वरजी म.सा. की प्रेरणा से दीक्षा के ज्ञान खाते की उपज में से इस ग्रंथ का मद्रण का लाभ संघवी रुगनाथमलजी समरथमलजी दोशी रिलिजियस ट्रस्ट की ओर से लिया गया। खूब खूब हार्दिक अनुमोदना... ★ यह ग्रंथ ज्ञानखाते की रकममें से छपा हुआ है। अतः कोई भी गृहस्थ इसकी मालिकी न करें। ★साधु-साध्वीजी भगवंत तथा ज्ञानभंडार को सप्रेम भेट दिया जाता है।
SR No.600347
Book TitleKarm Prakruti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivsharmsuri, Chirantanacharya, Malaygirisuri, Yashovijay Gani
PublisherJin Gun Aradhak Trust
Publication Year2016
Total Pages1490
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size37 MB
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