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उत्तराध्ययन
अनुक्रम णिका।
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एएहिं कारणेहिं .... ९२-१-१० कहकहकहस्स हसणं .... ६१२-१-३ गृहइ आयसहावं .... ६१३-१-८ एगपवं पसंसति .... ३१६-१-३ काउस्सग्गे जह सुठिअस्स ४८८-२-१९ गंगाओ दो किरिआ .... ११६-२-११ एगा जोअणकोडि ...... ५९३-१-३ कायाण छक्क जोगंमि .... ५४१-१-१२ एगिंदिआइजाइसु .... ९२-१-७ काया वया य ते च्चिअ ६१२-२-१९ चउसट्ठी पिढकरंडियाणं ६०५-२-२१ एगिदिय सुहुमियरा .... ५४०-२-१४ कालंमि कीरमाणं .... १८-१-३ चक्खुसिणेहे सुभगो .... ३१६-१-२ एमेव अहोराई .... ५३९-२-१७ काहं अच्छित्तिं अदुवा ७४-१-९ चत्तारि पंच जोअण .... ९०-२-९ एमेव एगराई .... ५३९-२-२० कुबोह मिच्छाभिणिवेस ९२-१-११ चोल्लगपासगधण्णे .... ९२-२-३ एयाओ भावणाओ .... ६१३-२-१४ कुविअस्स आउरस्स य ९८-२-९ अं.
कोहो अ माणो अ .... २-१-६ छउमत्थमरण केवली.... १६५-१-७ अंतरदीवेसु नरा .... ६०५-२-२१
ख.
छट्ठहमदसमदुवालसेहिं १६०-२-९ अंबे अंबरिसी चेव .... ५४०-२-१६ खंती मद्दव अजव .... ५३७-२-२०
जइ जिणमयं पवजह .... १२२-१-५ करकंडू कलिंगेसु .... २०३-१-५ गच्छावि णिक्खमित्ता ५३९-१-४ जच्चाइहिं अवणं .... ६१२-२-२३ करयलमलिअस्सवि .... २५५-१-८ गच्छे च्चिअ निम्माओ .....५३८-२-१८ जत्थत्थमेइ सूरो .... ५३९-१-६
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