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________________ सयणासणपाणभोअणं .... १५-११ सर्व जगं जइ तुहं ..... १४-३९ सागरोवममेगंतु .... ३६-१६० सयं गेहं परिच्चज .... १७-१८ सर्व तओ जाणइ पासई य ३२-१०९ सा पवइआ संती .... २२-३२ सरागे वीअरागे वा .... ३४-३२ सबं विलवियं गीयं .... १३-१६ सामाइअत्थ पढम .... २८-३२ सरीरमाहु नाव त्ति .... २३-७३ सर्व सुचिण्णं सफल नराणं १३-१० सामायारी पवक्खामि .... २६-१ सलं कामा विसं कामा .... ९-५३ ससरक्खपाओ सुअइ .... १७-१४ सामिसं कुललं दिस्स .... १४-४६ स वीअरागो कयसब .... ३२-१०८ सागरंतं चइत्ताणं .... १८-४० सायगवेसए य आरम्भाओ ३४-२४ सबजीवाण कम्मं तु ..... ३३-१८ सागरा अउणतीसं तु .... ३६-२३८ सारीरमाणसा चेव .... १९-४५ सबट्ठसिद्धगा चेव .... ३६-२१४ सागरा अउणवीसं तु .... ३६-२२८ सारीरमाणसे दुक्खे .... २३-८० सबभवेसु असाया .... १९-७४ सागरा अट्ठवीसं तु .... ३६-२३७ सासणे विगयमोहाणं .... १४-५२ K सबे ते विइआ मझं .... १८-२७ सागरा इकतीसं तु .... ३६-२४० साहारणसरीरा उ .... ३६-९६ - सबेसि चेव कम्माणं .... ३३-१७ सागरा इक्कवीसं तु .... ३६-२३० साहिया सागरा सत्त .... ३६-२२३ सबेहिं भूएहिं दयाणुकंपी २१-१३ सागराणि य सत्तेव .... ३६-२२२ साहियं सागरं एकं .... ३६-२१७ सबोसहिहिं हविओ .... २२-९ सागरा सत्तवीसं तु .... ३६-२३६ साहु गोअम पन्ना ते .... २३-२८ सर्व गंथं कलहं च .... ८-४ सागरा साहिया दुन्नि .... ३६-२२१ .... २३-३४ UTR-1
SR No.600338
Book TitleUttaradhyayanam Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherAnekant Prakashan Jain Religious Trust
Publication Year2010
Total Pages444
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size33 MB
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