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________________ 35 भावेसु जो गिजिमुवेइ तिवं ३२-८९ |मणम्भाहओ लोओ .... भिक्खालसिए एगे भिक्खअ न केय या हिंद ओरपरिसप्पा भुंज माणुस्सर भोगे भुत्ता रसा भोइ जहाइ णे भूअत्थे णाहिगया भोगामिसदोसविसन्ने भोगे 'वमित्ता य भुच्चा भोचा माणुस भए म. मसुभगुत्ती मग्गे अ इति के बुत्ते .... **** ..... ३६-१८० १९ - ४३ १४ - ३२ २८ - १७ .... .... .... .... २७-१० मच्छा य कच्छभा य ३५-१५ मज्झिमामज्झिमा चेव २२- ३५ मणगुत्तो वयगुत्तो .... ८-५ १४-४४ ३- १९ ३१-१० २३ - ६२ 23 .... मणोहरं चित्तधरं मत्तं च गंधहत्थि मरणं पि सपुण्णाणं .... .... .... मणपरिणामो अ कओ मणपल्हायजणणी मणस्स भावं गहणं वयंति मणिरवणकुट्टिमतले मणुआ दुविह भेआ उ मणोगयं वक्कगयं .... .... .... .... **** .... .... .... १४ - २३ मरिहिसि राय जया तया वा १४-४० ३६ - १७२ महत्थरूवा वयणप्पभूआ १३-१२ ३६-२१२ महाउदगवेगेण १२-३ २२- ४७ २२- २१ २३-६५ महाजंतेसु उच्छ् वा १९-५३ महाजसो एस महाणुभागो महादवग्गिसंकासे १२-२३ १९-५० १९-९७ २३-५१ ३६-२०९ २७-६ १९-४ महासुक्का सहस्सारा ३६ - १९३ माई मुद्धेण पडइ १-४३ १६-२ महापभावस्स महाजसस्स ३२-८७ महामेहप्पसूआओ ३५ -४ २२- १० ५- १८ मा गलियस्सु च कसं माणुसत्ते असारम्मि ... माणुसत्तं भवे मूलं माणुसत्तंमि आयाओ ..... .... .... .... .... .... .... .... १-१२ १९-१४ ७-१६ ३-११ UTR-1
SR No.600338
Book TitleUttaradhyayanam Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherAnekant Prakashan Jain Religious Trust
Publication Year2010
Total Pages444
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size33 MB
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