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________________ उत्तराध्ययन अनुक्रम णिका। १७-१ जाईजरामच्चभयाभिभूआ १४-४ जायरूवं जहामि? .... २५-२१ जीवि चेव रूवं च .... १८-१३ जाईपगजिओ खलु .... १३-१ जारिसा मम सीसा उ .... २७-१६ जीहाए रसं गहणं वयंति ३२-६१ जाईमयपडित्धद्धा ... १२-५ जारिसा माणुसे लोए .... १९-७३ जे अ मग्गेण गच्छंति .... २३-६१ जाईसरणे समुप्पण्णे .... १९-८ जावजीवमविस्सामो .... १९-३५ जे अ वेअविऊ विप्पा .... २५-७ जा उ अस्साविणी नावा .... २३-७१ जाव न एइ आएसे .... ७-३ जे आययसंठाणे ३६-४६ जा किण्हाइ ठिई खलु .... ३४-४९ जावंतविजा पुरिसा .... ६-१ जे इंदियाणं विसया .... ३२-२१ जा चेव उ आउठिई .... ३६-१६७ जा सा अणसणा मरणे .... ३०-१२ जे केइ उ पबईए जा चेव य आउठिई .... ३६-२४३ जिणवयणे अणुरत्ता .... ३६-२५८ जे केइ पत्थिवा तुन्भं ९-३२ जा जा वचइ रयणी .... १४-२४ जिणे पासे त्ति नामेणं .... २३-१ जे केइ पवइए .... १७-३ .... १४-२५ जीमूतनिद्धसंकासा .... ३४-४ जे केइ सरीरे सत्ता .... ६-१२ जाणासि संभूअ महाणुभागं १३-११ जीवा चेव अजीवा य .... ३६-२ जे गिद्धे कामभोएसु .... ५-५ जा तेऊए ठिई खलु .... ३४-५४ जीवाजीवविभत्ति .... ३६-१ जेहामूले आसाढ सावणे.... २६-१६ जा नीलाए ठिई खलु .... ३४-५० जीवाजीवा अ बन्धो अ.... २८-१४ जेण पुण जहाइ जीविअं .... १५-६ जा पम्हाइ ठिई खलु .... ३४-५५ जीविअंतं तु संपत्ते .... २२-१५ जे पावकम्मेहिं धणं मणूसा ४-२ UTR-1
SR No.600338
Book TitleUttaradhyayanam Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherAnekant Prakashan Jain Religious Trust
Publication Year2010
Total Pages444
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_uttaradhyayan
File Size33 MB
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