________________
प्रश्नोतर. 18 सत्तावीश नव जे पोतानुज चरित्र प्रकाश कर्यु डे तेज श्री गौतमादि गणधरोए रचेल डे श्रने || प्रश्नोत्तर॥१५॥
तेज मुजब परंपरागमना आधारे श्रुतकेवली श्री नवाहुस्वामीजीए कल्पसूत्रनी रचना करेल , माटे गौतमस्वामीने उद्देशीनेज ते कल्पसूत्रनुं महात्म्य श्रीमखे वर्णव्यु. ए वाक्यनी विशेष साबितीमां खुद श्री कल्पसूत्रना अंतिम आलावामांज पुरावो डे के:-तेणं कालेणं तेणं समएणं । समणेनगवं महावीरे रायगिहे नगरे गुणसिलए चेश्ए बहूणं समणाणं वर्णं समणीणं बहूणं | सावयाणं बहूणं सावियाणं बहूणं देवाणं वहूणं देवीणं मज्जगए चेव एवमाश्कर एवं नास एवं पन्नवेश एवं परूवेशपङोसवणाकप्पोनामंअज्जयणं सब सहेज्यं सकारणं ससुत्तं सब सउन्नयं सवागरणं नुको जुको उबदंसेत्तिबेमि." एटले के श्री नम्बाहुस्वामी पोताना शिष्यमंमळने | कहेले के-में जे आ कल्पसूत्रनो अंदर त्रण अधिकार अर्थात श्री जिनोनां चरित्र १. थिविरा
॥१५॥ वली २. अने साधुसमाचारीरूप वाचना प्ररूपेल , ते में मारी मनकल्पनाथी कदेल नथी; परंतु श्री तीर्थंकरदेवना उपदेशयी में अधिकार कहेल . मतलब के-ते काल चोथा याराना अंतने
-ORG VODN0-SDate-nbaePG9
90sodenepana/ARODApamatmap/oceanasam