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यावे ठे अने तेमज श्री पन्नवणा उद्धरेल बे एम श्री पन्नवणामी टीकाज साबिती पी रहे बे !
कालिकाचार्य सूक्ष्मनिगोद संबंधी व्याख्या प्रकाशक तरीके उलखमां यावे से एम श्री निर्युक्तिनी टीका तेमनी कथा सहित साक्षी आपे बे !
कालिकाचार्यजी गर्दनीलराजाना उच्छेदक तरीके उलखमां आवे छे, एम श्री निशथचूर्णि बतावी रहेल बे !
बहुश्रुत कालिकाचार्य घणा शिष्यना परिवारवाला बतां पोताना शिष्यो अविनीत दोवाने लीधे एक शय्यातरने जलावी पोते एकलाज विहार करी बीजे स्थले पधार्या, ए वृत्तान्तथी उलख आपे ढे अने एनी साबिती श्री उत्तराध्ययन वृदवृत्ति आपी रहेल बे !
वली श्री कालिकाचार्य राजाना आदेशने लीधे सकारणीक चोथ करनार तरीके उलखाय बे ने ए विषेनी साबिती श्री निशीथचूर्णिमां विद्यमान बे !