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________________ WavtivatoreovansweOMVatriota.pavel सजाय क्या क्या लागे अने ते केटली मर्यादा लगी असला गणाय वगेरे आगमानुसार वर्णवी |||| वतावेल. आठमा 'श्री ब्रह्मवावनी' नी अंदर अध्यात्मशाननो खजानो खतो करेल. नवमा || प्रकरण 'कलिकाल स्वरुप कथन शतक' नी अंदर चतुर्विध संघर्नु उत्तम प्रकारे वर्णन करेल . दशमा प्रकरण 'गुणस्थान पंचाशिका' नी अंदर चौद गुणस्थानकोर्नु टुंकामां वर्णन करी बतावेल | वे. अगीयारमा प्रकरण 'गणितप्रमाण' नी अंदर श्री जगवतीजीमा बतावेल गणितनी सविस्तर समऊ आपी जे. बारमा प्रकरण 'षट् व्यविचार' नी अंदर अव्यविचार संबंधी संक्षिप्त व्याख्या उतां अति सरस आपेल . तेरमा प्रकरण 'अष्टकर्मबंध विचार' नी अंदर केवी रीते कर्म बंधाय जे अने केवी रीते ते लोगवाय डे तेनुं विवेचन करेल . चौदमा प्रकरण 'सद्दहणा द्वात्रिंशिका' नी अंदर श्री जिनोक्त सद्दहणा क्रियानुं वर्णन करेल . पंचदशमा प्रकरण 'बाग्मद | परिहार पचीशी' नी अंदर सरलताथी आठ मदनो त्याग करवानुं कथन करेल . सोलमा प्रकरण 'प्रश्नोना उत्तर अजवालामा लावेल . सत्तरमा प्रकरण 'श्री जिन प्रतिमा स्थापन रास' नी। MDOGVANVMOVIEHDAEED/AAAAEVERawate/ATANE
SR No.600329
Book TitleSurdipikadi Prakaran Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurvacharyadi, Mangaldas Lalubhai
PublisherMangaldas Lalubhai
Publication Year1913
Total Pages412
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size29 MB
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